CG News: फंड के आधार पर होगा निर्णय
वैसे भी इस माह को खतम होने में सिर्फ तीन दिन ही बचे हुए हैं। इसमें दो दिन तो शनिवार व रविवार छुट्टी के दिन होंगे। अब फंड को देखते हुए कलेक्टर के पास फाइल भेजा जाएगा। इसके बाद ही फैसला होगा कि डॉक्टरों की सेवा आगे जारी रहेगी या नहीं। जानकारी के अनुसार डीएमएफ फंड से ही डॉक्टरों को वापस रखने के लिए प्रपोजल भेजा गया है। वहीं एनएचएम के तहत कोई भी डॉक्टर नहीं जाना चाहता। बताया जा रहा है कि डीएमएफ के तहत नियुक्ति में उन्हें ज्यादा वेतन मिलता है। कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जिला के अस्पतालों में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इस दौरान जिला अस्पताल में प्रबंधन ने मंत्री से डॉक्टरों की कमी को लेकर बात की थी। इस पर मंत्री ने 5 चिकित्सकों की भर्ती की घोषणा की। बहरहाल डॉक्टरों की कमी से जूझना पड़ सकता है।
न्यूरोसर्जन व मनोरोग के एक ही डॉक्टर
जिला अस्पताल दुर्ग में हर दिन न्यूरोसर्जन के पास औसतन 30 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। वहीं मनोरोग विभाग में भी हर दिन करीब 40 मरीज इलाज के लिए आते हैं। अब 31 मार्च को इन डॉक्टरों की सेवा समाप्ति से परेशानी बढ़ेगी क्योंकि इनमें सिर्फ एक-एक डॉक्टर डीएमएफ से पदस्थ हैं। जिला अस्पताल दुर्ग के सीएस डॉ. हेमंत कुमार साहू ने कहा कि जिला अस्पताल में चार डॉक्टर डीएमएफ फंड से हैं। वहीं मनोरोग व न्यूरोसर्जन के एक-एक ही डॉक्टर हैं। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशानी तो होगी।
सीएमएचओ डॉ. मनोज दानी ने कहा कि डॉक्टर समेत 40 स्टाफ को डीएमएफ फंड से रखा गया है। 31 मार्च को इनकी सेवा समाप्त हो जाएगी। इनकी सेवाएं जारी रखने का प्रपोजल भेजा है। हालांकि अभी तक किसी प्रकार की सूचना नहीं आई है।