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CG News: छत्तीसगढ़ के 32 मजदूर महाराष्ट्र में बंधक, परिजनों ने छुड़ाने के लिए एसपी से लगाई गुहार अस्पताल की फाइल खंगाल रहे हैं। ड्यूटी में उपस्थित नर्स और ड़ॉक्टरों से भी पूछताछ की जा रही है। बच्चों की पहचान करने के लिए डीएनएन टेस्ट कराने का निर्देश मिलता है तो ब्लड सैंपल लेकर टेस्ट करवाया जाएगा।
एक सप्ताह बाद हुआ खुलासा
23 जनवरी को
दुर्ग निवासी शबाना कुरैशी पति अल्ताफ कुरैशी और भिलाई निवासी साधना सिंह पति शैलेंद्र सिंह की डिलीवरी हुई। दोनों को पुत्र की प्राप्ति हुई, लेकिन जब बच्चों को सौंपा गया तब शबाना के बच्चे को साधना को और साधना के बच्चे को शबाना को सौंप दिया गया। एक हते के बाद जब मुस्लिम दंपती टांका खुलवाने अस्पताल गए तब बच्चे के हाथ में लगे टैग में मां का नाम दखकर उन्हें पता चला कि ये उनका बच्चा नहीं है।
इसकी शिकायत उन्होंने
अस्पताल प्रबंधन से की, लेकिन बात नहीं बनी। क्योंकि साधना बच्चे को लौटाने के लिए तैयार नहीं है। वहीं शबाना अपना बच्चा लौटाने के लिए गुहार लगा रही है। शबाना के परिजन बच्चे की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की भी मांग कर रहे हैं।
जांच टीम ने अपना काम भी शुरू भी कर दिया है। टीम के सदस्य अस्पताल की फाइल खंगाल रहे हैं। उस दिन का फोटोग्राफ चेक करने समेत अन्य दस्तावेजों को चेक किया गया। उस दिन ड्यूटी में तैनात डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। जांच टीम दोनों माताओं और उनके परिजनों से भी बात करेगी। स्थिति को देखते हुए यह टीम डीएनए टेस्ट की सिफारिश भी कर सकती है। क्योंकि एक पक्ष डीएनए टेस्ट की मांग कर रहा है।