पिछले साल से ज्यादा बुवाई लहसुन कारोबारियों के अनुसार पिछले साल भाव ज्यादा होने के कारण लहसुन की इस बार बुवाई ज्यादा हुई है। इसके कारण भावों में गिरावट आ रही है। वहीं मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में अनुकूल मौसम के कारण लहसुन का अच्छा उत्पादन हुआ है। हालांकि अभी नए लहसुन में नमी की मात्रा अधिक है। इसके कारण लहसुन की खपत कम है। हालांकि लहसुन की कीमतों में कमी आने से महंगाई का बोझ कुछ हद तक कम हुआ है।
औषधीय गुणों से भरपूर चिकित्सकों के अनुसार एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ ही लहसुन मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और सेलेनियम के अलावा विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी से भरपूर होता है। जो शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाता है। वहीं लहसुन में मौजूद एलिसिन रसायन से हृदय और रक्त प्रणाली के लिए फायदा होता है। खाली पेट कच्चा लहसुन खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
मंडी व्यापारी मथुरा लाल माली का कहना है कि लहसुन की नई फसल बाजार में आने लगी है। इससे लहसुन के भाव लगातार कम होते जा रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरत लहसुन के भावों में कमी आने से आम आदमी को फायदा हो रहा है। प्याज के भावों में भी कमी आई है। अब प्याज 20 से 30 रुपए प्रति किलो की दर से आसानी से मिल रहे है।