सामाजिक स्तर पर खेली होली कुछ सामाजिक संगठनों ने शहर में होली मिलन समागम आयोजित करके उत्साह के साथ मनाया। लोगों ने अपने-अपने घरों व कॉलोनियों में एकत्र होकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी।
भाविप की धमाल भारत विकास परिषद भीलवाड़ा शहर की सातों शाखाओं का होली मिलन समारोह शुक्रवार को महेश छात्रावास में हुआ। शहर समन्वयक श्याम कुमावत के अनुसार सभी सदस्य सुबह 9 बजे ही कार्यक्रम स्थल पर आना शुरू हो गए थे। होली के गीत एवं भजनों पर सदस्यों ने जमकर होली खोली। बाद में सामूहिक भोज का आयोजन हुआ।
सातों खंडों की अलग-अलग होली राष्टीय स्वयं सेवक संघ की ओर से इस बार सामूहिक होली न खेल कर खंड स्तर पर ही होली खेली गई। शहर के सातों खंड स्तर पर लगने वाली शाखाओं के आधार पर सदस्यों ने होली खेली।
श्मशान में खेली भस्म होली भीलवाड़ा में एक होली ऐसे भी खेली जाती है जो प्रदेश में सबसे खास बनती है। भीलवाड़ा के श्मशान में खेले जाने वाली भस्म होली की परम्परा गत 17 सालों से भीलवाड़ा शहर के पंचमुखी मोक्षधाम स्थित मसानिया भैरव नाथ मंदिर में खेली जाती है। इस होली की खासियत यह है कि यह रात के समय चिता की भस्म से खेली जाती है और देर रात भैरवनाथ मंदिर में मंडली होली खेलने के लिए पहुंचते हैं। इस होली को खेलने के लिए भीलवाड़ा ही नहीं आसपास के जिले से भी कई भक्त यहां पर पहुंचते हैं और मंदिर में दर्शन कर भस्म के होली खेलते हैं।
ठंडी की होली, दशा माता की कहानियां शुरू होली दहन के दूसरे दिन महिलाओं ने सुबह होलिका दहन के स्थान पर जाकर होलिका को ठंडी की। इस दौरान महिलाओं ने होली में जल अर्पण कर होलिका को ठंडा किया। इधर, होली दहन के दूसरे दिन धुलंडी से महिलाओं ने दशामाता की कहानी सुननी शुरू की। अब से दस दिन बाद महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना कर दशामाता की पूजा करेगी।
एसपी ने किया पैदल भ्रमण होली व रमजान का दूसरा जुम्मा होने से शहर व जिले में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क था। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने शहर में पैदल मार्च किया। इनके साथ अन्य अधिकारी भी थे। यादव ने गुलअली नगरी, बड़े मंदिर के पीछे, धानमंडी समेत अन्य स्थानों का दौरा किया तथा लोगों से भी शहर की होली के बार में जानकारी ली।