डीएमएफटी फंड से सरकार नहीं लेगी राशि डीएमएफटी की ओर से निधि के उपयोग के संबंध में अधिनियम की धारा 9बी के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करनी होगी। ट्रस्ट से किसी भी तरह से राज्य कोष या राज्य स्तरीय निधि या मुख्यमंत्री राहत कोष या किसी अन्य निधि या योजना में कोई राशि हस्तांतरित नहीं कर सकेगी। ट्रस्ट राशि में से किसी भी व्यय की मंजूरी या अनुमोदन राज्य स्तर पर सरकार या किसी एजेंसी द्वारा नहीं किया जाएगा। किसी जिले के भीतर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों के बाहर या इन प्रभावित लोगों के अलावा किसी अन्य के लिए कोई राशि खर्च नहीं की जाएगी। एक जिले से दूसरे जिले में कोई राशि हस्तांतरित नहीं होगी। खास बात यह है कि ट्रस्ट से राशि के व्यय की मंजूरी पूरी तरह से ट्रस्ट सचिव सीईओ जिला परिषद के पास रहेगी। अधिसूचना में साफ कहा गया है कि सरकार और राज्य स्तरीय समिति के पास परियोजनाओं की मंजूरी, राशि व्यय के अनुमोदन पर व्यापक अधिकार नहीं होगा।
डीएमएफ सेल बनेगा ट्रस्टों की गतिविधियों की निगरानी के लिए खान एवं भूविज्ञान निदेशालय में राज्य स्तरीय नोडल डीएमएफ सेल बनेगा। सेल राज्य स्तरीय निगरानी समिति के सचिवालय के रूप में कार्य करेगा। इसके माध्यम से राज्य स्तरीय निगरानी समिति ट्रस्टों के प्रदर्शन और पारदर्शिता मानदंडों के अनुपालन, लेखा परीक्षा और ट्रस्टों की वार्षिक रिपोर्ट की निगरानी करेगी। प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति से तीन माह के भीतर ट्रस्ट संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगा तथा उसे ट्रस्ट के समक्ष रखेगा। रिपोर्ट अनुमोदन होने के एक माह पहले सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। इसे ट्रस्ट की वेबसाइट पर भी होस्ट की जाएगी तथा विधान सभा के समक्ष रखी जाएगी।