खनिज विभाग के अनुसार प्रदेश की 23 हजार 978 खदानों को एनओसी लेनी थी. लेकिन अब तक मात्र 19 हजार खदान संचालकों ने ही एनओसी के लिए आवेदन किया। इसमें से अब तक 9 हजार खदान मालिकों को ही सिया से एनओसी मिली है।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने 7 दिसंबर 2022 को अपने निर्णय में कहा था कि 15 जनवरी 2016 से 13 सितंबर 2018 तक जिला सिया की ओर से जिन 25 हजार 121 खदानों को पर्यावरण एनओसी जारी की है, उन्हें 7 नवंबर 2024 तक सिया से पर्यावरण एनओसी लेनी होगी। इनमें से 21 हजार 734 खदान मालिकों के आवेदन करने पर सिया ने परिवेश पोर्टल पर फार्म-2 अपलोड करने के लिए कहा था, लेकिन खान विभाग के लाख प्रयासों के बावजूद 19 हजार खान व क्वारी लाइसेंस धारकों ने ही आवेदन किया।
खनन चालू रखने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो 31 मार्च एनओसी लेने की अवधि बढ़ा दी। बाद में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए 28 जुलाई तक अवधि बढ़ा दी। बताया जा रहा है कि अब तय अवधि तक एनओसी नहीं मिलने की स्थिति में खनन कार्य बंद हो जाएगा और सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिलना आसान नहीं होगा।