कार्यवाहक खनिज अभियंता पीके अग्रवाल ने माना कि मंगरोप क्षेत्र में रात में चोरी-छिपे बजरी का अवैध परिवहन हो रहा। मौका पाकर ट्रैक्टर चालक शहर में बजरी की सप्लाई करते है। अग्रवाल का कहना है कि माफिया सोशल मीडिया के जरिए अधिकारियों की रैकी कर अवैध बजरी का परिवहन करते है। मंगरोप क्षेत्र से शहर की दूरी कम होने के कारण चौकसी के बावजूद बजरी माफिया सिस्टम पर हावी हो रहे है। राजस्थान पत्रिका लगातार अवैध बजरी परिवहन के मामले को प्रमुखता के साथ उठा रही है। सरकार का अभियान, अधिकारी अवकाश पर
सीएम भजनलाल शर्मा के निर्देश पर अवैध खनन को लेकर विशेष अभियान चल रहा है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी अवकाश पर है। इससे अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने से बच सकें। खान निदेशक दीपक तंवर ने जिन अधिकारियों को चैकिंग पर लगाया वे ही अवकाश पर चले गए। कलक्टर के निर्देश पर हमीरगढ़ क्षेत्र के जवासिया व कान्याखेड़ी में चैकपोस्ट लगाई है। आमा व हरणी सबलपुरा में सतर्कता विंग के अधिकारियों को लगाया है। लेकिन स्थानीय अधिकारी अवकाश पर है।
12 दिन में 36 प्रकरण अग्रवाल ने दावा किया है कि 12 अप्रेल तक 36 प्रकरण बनाकर 64.5 लाख जुर्माना राशि आरोपित की। 23 में एफआइआर दर्ज है। जबकि पिछले वर्ष अवैध बजरी के अवैध खनन, परिवहन व भंडारण के विरूद्ध 979 प्रकरण बनाकर 13.16 करोड़ रुपए वसूले गए। 343 में एफआईआर दर्ज कराई। मंगरोप क्षेत्र में 32 वाहन जब्त किए थे।