मिड डे मील के आयुक्त विश्व मोहन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य मिड-डे-मील के कार्य को देखेंगे तथा स्कीम के तहत खाने की गुणवत्ता, साफ-सफाई स्वच्छता आदि को चेक करेंगे। मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांचने की छूट सभी अभिभावकों को दी गई है चाहे है वह स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का सदस्य है या नहीं। आदेशों में कहा गया है कि मिड-डे-मील बनाने के बाद बच्चों को परोसने से पहले अभिभावक तैयार खाने को चखेंगे और यदि उसमें कोई कमी है तो उसे रजिस्टर में दर्ज करेंगे। उच्चाधिकारियों की टीम समय-समय पर स्कूलों में अभिभावकों की गुणवत्ता रिपोर्ट का आंकलन करेंगी।
शर्मा ने कहा कि विद्यालय प्रबन्ध समिति (एसएमसी) में अधिकांश सदस्य स्थानीय निवासी होते हैँ। विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी भी सामान्यतः निकटवर्ती क्षेत्र के ही होते हैँ। विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्यों का विद्यार्थियों से जुडाव होने के कारण मिड-डे मील योजना का प्रभावी पर्यवेक्षण किया जाना अपेक्षित है। ऐसे में प्रत्येक विद्यालय में गठित विद्यालय प्रबन्धन समिति को सक्रिय बनाया जाए। विद्यालय में मिड डे मील का निरीक्षण करने के साथ इसकी रिपोर्ट जिला कलक्टर की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में समीक्षा की जाए। ताकि कोई भी कमी या समस्या है तो उसका तुरन्त निराकरण किया जा सके।