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कार्ययोजना में इन कार्यों पर भी रहेगा जोर
-नदियों में जलीय जीवों को पुनर्स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएगी।-ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के तालाबों, जल स्रोतों का संरक्षण होगा।
-50 से अधिक नदियों के वॉटर शेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन के काम होंगे।
-नदियों की जल धाराओं को जीवित रखने के लिए ट्रेंच, पौध-रोपण, चेकडैम के काम भी होंगे।
-नर्मदा परिक्रमा पथ का चिह्नांकन कर जल संरक्षण एवं पौध-रोपण की तैयारी की जाएगी।
-ग्रामीण क्षेत्रों में पानी चौपाल लगेंगी, लोगों को जल संरचनाओं की जिमेदारी सौंपी जाएगी।
-सीवेज का गंदा पानी जल स्रोतों में न मिले, इसके लिए सोक पिट निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
-नगरीय विकास एवं आवास विभाग 54 जल संरचनाओं के संवर्धन के काम भी होंगे।
– बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
– सदानीरा फिल्म समारोह, जल समेलन, प्रदेश की जल परंपराओं पर आयान, चित्र प्रदर्शनी समेत विभिन्न आयोजन होंगे।