100 करोड़ से संवर रहा भोपाल, 5000 अफसर, कर्मचारी काम में जुटे, GIS के लिए मेगा प्रबंधन
Global Investors Summit: जीआइएस को सफल बनाने में जुटा राज्य का प्रशासनिक महकमा, हजारों अफसर और कर्मचारियों ने संभाला जिम्मा, सीएस की निगरानी में 10-12 घंटे कर रहे काम
Global Investors Summit के लिए तैयार हो रहा भोपाल, हजारों अफसर कर्मचारी कर रहे तैयारियां
Global Investors Summit Bhopal: राजधानी में 24 फरवरी से दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स (जीआइएस) समिट शुरू होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानव संग्रहालय में इसका शुभारंभ करेंगे। पहली बार भोपाल में होने वाली जीआइएस को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर मेगा प्रबंधन (Mega Management) किया गया है। इसके लिए राजधानी को करीब 100 करोड़ रुपए के काम से संवारा जा रहा है।
जीआइएस के जरिए एमपी को निवेश प्रदेश बनाने की तैयारी चल रही है। इसकी तैयारियों में कोई कमी न रहे, इसलिए हर जरूरी फाइल मुख्य सचिव अनुराग जैन की निगरानी से गुजर रही है। वे रोज 4-6 बैठकें कर रहे हैं। समिट से पहले सरकार की लाई जाने वाली प्रमुख नीतियों को जोर देकर वैश्विक स्तर का बनाने में जुटे हैं। ये नीतियां 11 व 18 फरवरी को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में आएंगी। समय-समय पर मुख्य विषयों पर सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ बैठकें कर रहे हैं।
शुरुआती चरण में पांच हजार अफसर और कर्मचारी काम में जुटे
100 आइएएस अफसरों ने अपने हिस्से का काम शुरू कर दिया है। वे 10-12 घंटे काम कर रहे हैं। शुरुआती चरण की तैयारियों के लिए पांच हजार अधिकारी-कर्मचारी भी जुटे हैं। इसमें भोपाल जिला प्रशासन और नगर निगम के चार हजार से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं।
भोपाल से दिल्ली तक 18 इवेंट कंपनियों और उनके सैकड़ों कर्मचारियों की भी मदद ली जा रही है। 11 जनवरी 2023 को जीआइएस इंदौर में हुई थी। 300 विशेष और 85 वीवीआइपी लाइजनिंग अफसरों को जिम्मा फ्रंट फुट पर समिट का जिम्मा 1200 अधिकारी और कर्मचारी संभालेंगे। इनमें 300 अधिकारी विशेष जिम्मेदारियों के लिए होंगे। 70 अधिकारी विशिष्ट लाइजनिंग अधिकारी के रूप में काम करेंगे तो 85 से ज्यादा अधिकारी वीवीआइपी लाइजनिंग अधिकारी की भूमिका में रहेंगे। 200 अतिरिक्त प्रशासनिक कर्मियों की भी तैनाती की जाएगी।
इन तैयारियों के बीच भोपाल के 84 होटल्स के 1397 कमरे भी तीन दिन 24 से 26 फरवरी तक ब्लॉक किए हैं। देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को यहां ठहराया जाएगा। अतिथियों को ठहराने की व्यवस्था राज्य पर्यटन निगम को दी गई है।