जोन चार के थानों में सेट देने का काम चल रहा है। यह वायरलेस सेट्स न्यूजीलैंड की टेड कंपनी से मंगाए गए हैं। भोपाल पुलिस 33 करोड़ रुपए की लागत से 3500 सेट्स की खरीदी की है।
ऐसे काम करेगा सेट
इस अत्याधुनिक सेट्स में हर जोन की प्रोग्रामिंग अलग-अलग है। जोन के अधिकारी चाहें तो इस सिस्टम को अपने जोन तक सीमित रख सकते हैं। प्रोग्राम सेट करते ही यह सेट्स जोन के थानों तक ही सीमित रह जाएंगे। दूसरे जोन के थानों के अधिकारी-कर्मचारी इसके संपर्क से बाहर रहेंगे। जिन पुलिसकर्मियों को सेट दिया जा रहा है, दूसरी जगह या दूसरे जोन में तबादला होने पर सेट को थाने में जमा करना होगा। दूसरे जोन के थाने में जाने पर वहां उस जोन का सेट दिया जाएगा। ये भी पढ़ें: 10वीं-12वीं ‘सेकंड बोर्ड परीक्षा’ में मिलेगा कम समय, जानें कब आएगा रिजल्ट ? हर थाने को 35 से 40 सेट
शहर के हर थाने में 35 से 40 सेट दिए जा रहे हैं। थाने में पदस्थ एएसआइ से लेकर अधिकारियों तक को यह सेट दिए जा रहे हैं। इस डिजिटल वायरलेस सेट्स में कॉलिंग सुविधा के साथ ही लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी। गुम हो जाने पर कंट्रोल रूम से ही डिसेबल हो जाएगा। आवाज साफ सुनाई देने के साथ ही दूर तक कयुनिकेशन होने से ज्यादा एरिया कवर करेगा। इसकी फ्रीक्वेंसी को कोई भी मैच नहीं कर सकेगा।