मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamal nath) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पहले तो भाजपा जातिगत जनगणना का विरोध कर रही थी, बल्कि राहुल गांधी (rahul gandhi) पर हमले भी किए जा रहे थे। राहुल गांधी के संदेश का ही असर है कि भाजपा भी जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में आ गई है।
दो साल तक उठाई मांग
कमलनाथ ने आगे लिखा कि भारत में सामाजिक न्याय की दिशा में जातिगत जनगणना एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस माँग को पिछले दो वर्ष से पुरज़ोर ढंग से उठाया। पूर्व सीएम ने लिखा है कि जातिगत जनगणना के महत्व और समाज की नई संरचना में इसके उपयोग को राहुल गांधी ने जन-जन तक पहुंचाया। उनके इस संदेश का ही असर है कि अब जाकर भाजपा भी जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में आ गई है।
पहले विरोध, फिर पक्ष में
कमलनाथ ने कहा कि यह सर्वविदित है कि भाजपा लगातार जातिगत जनगणना का ना सिर्फ़ विरोध कर रही थी बल्कि यह माँग उठाने के लिए राहुल गांधी के ऊपर लगातार राजनैतिक हमले किए जा रहे थे।
समय सीमा का भी करें खुलासा
कमलनाथ ने कहा कि अब ज़रूरत इस बात की है कि सरकार इस बात का ख़ुलासा करे कि वह किस समय सीमा के भीतर जातिगत जनगणना पूरी कराएगी ताकि देश में सामाजिक न्याय की प्रक्रिया का अगला चरण शुरू हो सके। कमलनाथ ने कहा कि सामाजिक न्याय कि इस लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए देश की जनता राहुल गांधी जी की आभारी है और हमें उनकी दूरदृष्टि पर गर्व है।
राहुल गांधी के आगे झुकी सरकार
इससे दो दिन पहले बुधवार को कमलनाथ ने कहा था कि राहुल गांधी ने देश में जातिगत जनगणना की मांग सबसे पहले उठायी थी और अंततः बीजेपी की केंद्र सरकार को राहुल गांधी की मांग के आगे झुकना पड़ा और जातिगत जनगणना पर सहमत होना पड़ा। नाथ ने कहा था कि राहुल गांधी ने सदन में कहा था कि हम इसी सदन में जातिगत जनगणना करके दिखाएंगे और आज उनकी बात सच साबित हुई। कमलनाथ ने राहुल गांधी को सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा योद्धा भी बताया था।