एमपी के करीब 25 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों, श्रमिकों की वेतनवृद्धि को लेकर दायर याचिका में सीटू ने 11 माह का एरियर देने की भी पुरजोर मांग की है। सीटू ने अपनी याचिका में टेक्सटाइल उद्योगों के श्रमिकों को भी वेतनवृद्धि का लाभ देने की बात कही है।
सीटू ने याचिका में कहा कि राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2024 में जारी वेतनवृद्धि की अधिसूचना में सभी उद्योगों के कर्मचारी व श्रमिक शामिल किए थे पर 19 जनवरी 2025 में जारी अधिसूचना में कुछ श्रमिकों को अलग कर दिया। याचिका में इस संशोधन को चुनौती दी गई है।
सीटू ने इस संबंध में श्रमायुक्त को भी पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि जो नियोजन एरियर न दें, उनसे श्रम विभाग के इंस्पेक्टर श्रमिकों को यह राशि दिलाएं। सीटू ने एरियर को श्रमिकों का हक बताते हुए इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात भी दोहराई।
सीटू के प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान ने बताया कि हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर 2024 को न्यूनतम वेतन पर स्टे समाप्त कर दिया था। इसके बाद वेतनवृद्धि के आदेश तत्काल जारी करना चाहिए था, पर ऐसा नहीं किया गया। और तो और, सरकार ने अधिसूचना में ही संशोधन कर दिया। प्रधान का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या की जा रही है।