scriptराजनीति में कोई गुरु दीक्षा नहीं होती, मैं कभी किसी को शिष्य नहीं बनाता- दिग्विजय सिंह | Digvijay Singh Exclusive Interview Patrika mp politics guru shishya Parmapara | Patrika News
भोपाल

राजनीति में कोई गुरु दीक्षा नहीं होती, मैं कभी किसी को शिष्य नहीं बनाता- दिग्विजय सिंह

Digvijay Singh Exclusive Interview: राजनीति में गुरु-शिष्य परंपरा नहीं होती। गुरु दीक्षा भी नहीं होती। जिसकी जो भावना है वह उसी आधार पर काम करता है, लेकिन मैं किसी को शिष्य नहीं बनाता,

भोपालMay 17, 2025 / 08:13 am

Sanjana Kumar

Digvijay Singh Exclusive Interview patrika

Digvijay Singh Exclusive Interview patrika

Digvijay Singh Exclusive Interview: डॉ. दीपेश अवस्थी. राजनीति में गुरु-शिष्य परंपरा नहीं होती। गुरु दीक्षा भी नहीं होती। जिसकी जो भावना है वह उसी आधार पर काम करता है। यह सही है कि मैं अर्जुन सिंह को हमेशा से गुरु मानता रहा हूं, लेकिन मैं किसी को शिष्य नहीं बनाता। कार्यकर्ताओं को पार्टी गाइडलाइन का पालन करना होगा। पत्रिका से विशेष बातचीत में कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ये बातें कहीं। उन्होंने पार्टी में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य और भारत-पाक तनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर बात की। पेश है चर्चा के मुख्य अंश…
पत्रिक- कांग्रेस में पीढ़ी परिवर्तन हुआ है। जीतू कैसा काम कर रहे हैं?

–पटवारी को अभी एक साल हुआ है। संगठन को मजबूत करना कोई आसान काम नहीं। वैसे वे अच्छा काम कर रहे हैं।
पत्रिका- क्या आपको लगता है कि अभी कहीं कोई कमी है?

–कमी कहां नहीं है। कमी हर जगह रहती है, लेकिन कमी को सुधार लेना ही सफल व्यक्ति की पहचान है।

पत्रिका- कहा जाता है कि दिग्विजय सिंह जीतू पटवारी के गुरु हैं?
–मैं किसी का गुरु नहीं। किसी को शिष्य भी नहीं बनाता, क्योंकि राजनीति में गुरु-शिष्य परंपरा के बहुत ज्यादा पक्ष में नहीं हूं। हालांकि मैं स्वयं अर्जुन सिंह को हमेशा से गुरु मानता आया हूं।
Divijay Singh Interview:

पत्रिका- आपको कोई शिष्य मिला नहीं या फिर आपने शिष्य बनाया नहीं?

–राजनीति में कोई गुरुदीक्षा तो होती नहीं है, जिसकी जो भावना है, वह उसी हिसाब से काम करता है। मैं हमेशा से अपने कार्यकर्ताओं को पारिवारिक रिश्ते के रूप में रखता हूं।
पत्रिका- उमंग सिंघार के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

–सिंघार जवान आदिवासी हैं। संघर्षशील हैं। मेहनत कर रहे हैं।

पत्रिका– भारत-पाकिस्तान तनाव, संघर्ष और फिर सीजफायर को क्या कहेंगे?

यह लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। आतंकवाद से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसके दो-दो पीएम आतंकवाद के शिकार हुए हैं। इसके बावजूद उन्होंने कभी आतंकवादियों की गतिविधियों, आतंकवादियों से समझौता नहीं किया। सारा विवाद पहलगाम की निर्दयी कायराना घटना से हुआ है।
पत्रिका- इस घटना के बाद पार्टी नेताओं की बयानबाजी हुई। बयानबाजी पर आपके भाई लक्ष्मण सिंह को पार्टी ने नोटिस भी दिया।

–संकट के मौके पर कांग्रेस पार्टी देश के साथ है। यह सही है कि संभलकर बोलना चाहिए। लक्ष्मण सिंह को नोटिस मिला है तो जवाब देंगे।
पत्रिका- क्या आप राज्यसभा का एक और मौका चाहेंगे?

–राज्यसभा के लिए दो बार मौका मिला है। आगे हाईकमान को तय करना है। पहले भी पार्टी ने तय किया था, आगे भी पार्टी जो कहेगी, उसे मानूंगा।

Hindi News / Bhopal / राजनीति में कोई गुरु दीक्षा नहीं होती, मैं कभी किसी को शिष्य नहीं बनाता- दिग्विजय सिंह

ट्रेंडिंग वीडियो