भोपाल का मास्टर प्लान रुकेगा
ग्रेटर भोपाल के प्लान के लिए भोपाल का मास्टर प्लान रोका जाएगा। इसके लिए टीएंडसीपी के अफसरों को शासन की ओर से कहा गया है। अब भोपाल समेत आसपास के पांच जिलों का पूरा क्लस्टर बनाकर विकास की योजना तय होगी। इसमें सीहोर भोपाल से लेकर भोपाल नरसिंहगढ़, ब्यावरा से राजगढ़, भोपाल से नर्मदापुरम, भोपाल से विदिशा व भोपाल से रायसेन तक की अलग प्लानिंग होगी। ऐसे मिलेगा लाभ
– अभी
भोपाल व सीहोर अलग-अलग प्लान बनाते हैं।
सीहोर व भोपाल में बड़ा तालाब व इसका कैचमेंट आता है। अलग- अलग होने से संरक्षण पर काम आधा अधूरा होता है, अब पूरा होगा।
— मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र भोपाल के पास है, लेकिन इसके रायसेन जिले में होने की वजह से भोपाल से इसे लेकर कोई प्लानिंग नहीं की जा सकती। भोपाल के साथ ये वैश्विक नक्शे में भी नजर नहीं आता। वृहद राजधानी में भोपाल के साथ इसके लिए प्लानिंग हो सकती है।
— भोपाल से लगे होने के बाद भी वैश्विक धरोहरें सांची, भीम बेटिका और अन्य पर भोपाल से काम नहीं हो सकता। अब ये जुड़कर काम करेंगे। – भोपाल में मेट्रो का नेटवर्क अभी मंडीदीप तक बढ़ाया जा रहा है। आगामी समय में बड़े बजट से भोपाल के 100 किमी दायरे के बाहर भी मेट्रो की आवाजाही आसान हो जाएगी।
…तो फिर 30 लाख नहीं, 80 लाख लोगों की प्लानिंग होगी टाउन
प्लानर सुयश कुलश्रेष्ठ का कहना है कि वृहद राजधानी में 80 लाख लोगों से अधिक की प्लानिंग होगी। प्लानिंग का स्तर और इस पर काम पूरा करने की गति भी बदलेगी। किसी महानगरीय स्वरूप में इसका उल्लेख होगा, ये बेहतर ही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर होगा तो, भोपाल शहर में आबादी का दबाव भी घटेगा। इसके लिए काम शुरू हुआ, अब तेजी से पूरा कर प्लान बनना चाहिए।
समग्रता के साथ विकास का प्लान तैयार करेंगे
हम विभिन्न एजेंसियों से मिलकर उनके सर्वे का उपयोग करते हैं। कई बार खुद भी सर्वे कराते हैं। भोपाल व आसपास के जिलों व पूरे क्षेत्र का समग्रता के साथ विकास का प्लान तैयार करेंगे। शासन के आदेश के अनुसार ही आगामी प्रक्रिया की जाएगी।