भोपाल में समाजजनों की आबादी 10 हजार है। 4 माह पहले मोबाइल के आदी हो चुके बच्चों की एक्सपर्ट के साथ काउंसलिंग कराई। पता चला कि छोटे बच्चे मोबाइल देखे बिना खाना नहीं खाते। मोबाइल गेम्स से स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों वे दूर हो गए। आस्था कम हो रही है।
धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफ़द्दल सैफुद्दीन ने दिए निर्देश
बच्चों की सेहत खराब हो रही है। इसे देखते हुए समाज के 53वें धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफ़द्दल सैफुद्दीन ने निर्देश जारी किया। इसमें कहा गया 15 साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल से दूर रखें। दूसरी गतिविधियों में उन्हें हिस्सा दिलाएं।
सभी को अमल करने की हिदायत
बोहरा समाज के लोग देश ही नहीं पूरी दुनिया है। इस निर्देश का पालन करने सभी को हिदायत दी गई है। ताकि बच्चों को मोबाइल के बुरे असर से बचाया जाए।
खेल-खेल में बड़े भी सुधार रहे आदतें
मोबाइल के आदी बच्चों की शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए बच्चे अब घरों में कैरम बोर्ड, शतरंज और अन्य खेल खेल रहे हैं। मैदानी गतिविधियां भी बढ़ी हैं। समाज के एमएसबी एजुकेशन इंस्टीट्यूट में नर्सरी से 8वीं तक 350 बच्चे हैं। ये सभी बिना मोबाइल के रहते हैं। समाज के जो बच्चे अन्य स्कूलों में हैं, वे भी मोबाइल से दूर हैं। समाज के अलीकदर के मुताबिक बच्चों के साथ बड़ों ने भी उपयोग सीमित किया है। रमजान के महीने से पहल है।