250 किलोमीटर लंबा होगा भोपाल-इंदौर कॉरिडोर
राजधानी भोपाल से जबलपुर के बीच यह कॉरिडोर 255 किलोमीटर लंबा होगा। इसके लिए लगभग 14,105 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। वहीं, इंदौर-भोपाल के बीच 160 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। जिसकी लागत लगभग 9,716 करोड़ होगी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) दो बड़े प्रोजेक्ट करने जा रही है। साथ ही 25 सड़क परियोजनाओं को 2047 तक पूरा करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू करने जा रहा है। इन प्रोजेक्टों की लंबाई का आंकलन लगभग 4900 किलोमीटर किया गया है। जिसमें करीब 1 लाख 30 हजार 800 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
एमओयू से जमीन अधिग्रहण में मिलेगी मदद
एमओयू करने से एनएचएआई को जमीन अधिग्रहण करने में प्रशासन से स्थानीय स्तर पर मदद मिल जाएगी। एनएचआई की प्लानिंग है कि बनी हुई सड़कों को अपग्रेड किया जाए। साथ ही ट्रैफिक डाटा का विश्लेषण किया कर लिया गया है। उसी के आधार पर काम किया जाएगा।
पहले चरण में इन प्रोजेक्टों पर होगा काम
अयोध्या नगर बाईपास की लंबाई 16 किलोमीटर होगी। जिसकी लागत 1050 करोड़ होगी।
ओरछा बाईपास की लंबाई 14 किलोमीटर होगी। जिसकी लागत 306 करोड़ होगी।
सागर बायपास को 20 किलोमीटर फोरलेन किया जाएगा। जिसकी लागत 785 करोड़ रुपए होगी।
लखनादौन से रायपुर के बीच 200 किलोमीटर लंबा हाईवे तैयार किया जा रहा है। इसकी लागत 9603 करोड़ रुपए है।
जबलपुर-दमोह के बीच 100 किलोमीटर की सड़क तैयार होगी। इसकी लागत 2500 करोड़ रुपए होगी।
कोटा-इटावह के बीच 394 किलोमीटर लंबी सड़क तैयार की जाएगी। इसकी लागत 9850 करोड़ रुपए होगी।
उज्जैन-झालवाड़ के बीच 124 किलोमीटर लंबी फोरलेन रोड़ बनेगी। जिसकी लागत 2232 करोड़ रुपए होगी।
इंदौर रिंग रोड की लंबाई 141 किलोमीटर लंबी होगी। जिसकी लागत 6500 करोड़ रुपए होगी।
सतना-चित्रकूट के बीच 80 किलोमीटर का फोरलेन तैयार किया जाएगा। जिसकी लागत 1440 करोड़ रुपए होगी। रीवा-सीधी फोरलेन की लंबाई 60 किलोमीटर होगी। इसकी लागत 1500 करोड़ रुपए होगी।
बैतूल-खंडवा-खरगोन-जुलवानिया की लंबाई 233 किलोमीटर होगी। जो कि 4992 करोड़ की लागत से तैयार होगी। संदलपुर-नसरुल्लागंज फोरलेन की लंबाई 43 किलोमीटर होगी। इसे 1425 करोड़ रुपए में तैयार किया जाएगा।