उसका कहना है कि जब वह अपने व्यवसाय से निवृत्त हो घर पहुंचता है तब पत्नी की आधी रात मीटिंग शुरू हो जाती है। उसका वर्क फ्रॉम होम निजी जिंदगी में दखल डाल रहा है। इसलिए तलाक की अर्जी दी है।
महत्वाकांक्षाएं बढ़ीं
इस समय तलाक के मामले छोटी-छोटी बातों को लेकर पहुंच रहे हैं। एक दूसरे को पर्याप्त समय न दे पाना भी विवाद का कारण बन रहा है। इसके अलावा पति-पत्नी दोनों की महत्वाकांक्षाएं बहुत बढ़ गयी हैं। ऐसे तलाक की नौबत आ रही है। दंपति को चाहिए कि वह एक दूसरे की मजबूरियों को समझें और परिवार को टूटने से बचाएं। शैल अवस्थी, काउंसलर
केस-1
गांव की महिला, शहरी जीवन की चाह
भोपाल जिला पारिवारिक न्यायालय में पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए और सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक महिला ने मामला दर्ज कराया है। दंपत्ति 2024 से अलग रह रहे हैं। इनकी 2022 में शादी हुई थी। महिला भोपाल के पड़ोसी जिले के एक गांव की है। जबकि, फार्मेसी स्नातक पति किसी अन्य जिले में गांव में ही रहता है। महिला ने कोर्ट में काउंसलर शैल अवस्थी को दी अर्जी में कहा गया है कि पति शादी के बाद से शहर नहीं आया। इस संबंध में जब उसने अपनी सास से बात की तो उन्होंने कहा-शादी में झूठ बोलना आम बात है। पत्नी का कहना है कि जबकि पति ने वादा किया था कि वह किसी शहर में केमिस्ट की दुकान खोलेगा और परिवार साथ में रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महिला अब अपने पति का घर छोड़कर भोपाल में अपने भाई के साथ रह रही है। पति पर दहेज प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है।
केस-2
ऑनलाइन वर्क से टेंशन
एक अन्य मामले में पत्नी के मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने बिजनेसमैन पति को दिक्कत है। शादी के बाद से दोनों में वर्किंग ऑवर्स को लेकर बहस शुरू हो गई। पति का कहना है कि आधी-आधी रात में मीटिंग शुरू हो जाती है। दिसंबर 2024 में पति ने तलाक का आवेदन दे दिया। पत्नी का भी कहना है पति के पास वक्त नहीं। ये भी पढ़ें: पुलिस मुख्यालय में नहीं दिखेंगी फाइलें, DGP के आदेश के बाद बदला नियम केस-3
पैसे नहीं, समय चाहिए
फैमिली कोर्ट में पहुंचे तीसरे मामले में पत्नी का कहना है कि पति समय ही नहीं देता। हमें पैसा नहीं बल्कि पति का समय चाहिए। जबकि, पति परिवार को अच्छी लाइफ स्टाइल देने के लिए पार्ट टाइम जॉब भी कर रहा है। पत्नी का कहना है कि समय ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए दंपति ने शादी के दो साल में ही तलाक ले लिया।