उन्होंने कहा कि नवीकरणीय परियोजना, पवन परियोजना, जल परियोजना या परमाणु परियोजना से रेलवे को सभी ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों से रेलवे की बिजली जरूरतों के लिए मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, नवीकरणीय परियोजना से अब तक 1500 मेगावाट बिजली लेने के लिए टाइ अप कर चुके हैं। नवीकरणीय परियोजना ऊर्जा के लिए मध्यप्रदेश के साथ 170 मेगावाट बिजली लेने का एमओयू हुआ है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मध्यप्रदेश रेलवे को बिजली दे और रेलवे मध्यप्रदेश की सेवा करे। इस मौके पर नीमच में बनने वाले 170 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र से रेलवे के लिए रिकार्ड सस्ती (2.15 रुपए प्रति यूनिट) से बिजली खरीदी के करार पर हस्ताक्षर किए गए।
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इस अवसर पर वैष्णव ने निवेशकों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। आश्वासन दिया कि भारतीय रेल परमाणु स्रोतों से उत्पन्न बिजली खरीदेगी। यदि मध्यप्रदेश में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा सकता है तो भारतीय रेल इससे बिजली खरीदने के लिए एक समझौता करने में बहुत खुश होगी।
रेलवे को रेकॉर्ड बजट
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि इस बार रेलवे को रेकॉर्ड बजट दिया गया है, जो 14,745 करोड़ रुपए हैं। 1950 और 2010 के दशक के बीच केवल रेलवे ट्रैक दिखाकर चुनाव लड़े गए थे। कोई काम नहीं हुआ। वर्ष 2014 में काम की गति बढ़ी। जो काम 2014 से पहले 29 किलोमीटर होता था, अब हर साल 223 किलोमीटर की दर से होता है। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव से उन मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रशंसा की जो रेलवे को अपने काम में तेजी लाने में मदद करते हैं।
प्रदेश में सौर ऊर्जा की स्थिति
वर्ष 2012 में प्रदेश की लगभग 500 मेगावाट नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता थी। वर्तमान में 7 हजार मेगावाट हो गई है। राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़कर 21% हो गई है। इसे 2030 तक बढ़ाकर 20 हजार मेगावाट करने की योजना है। रीवा सोलर प्रोजेक्ट 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है। यह विश्व के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर संयंत्रों में से एक है। उत्पादित ऊर्जा का 76 प्रतिशत हिस्सा पावर मैनेजमेंट कंपनी उपयोग कर रही है। पहली बार ओपन एक्सेस से दिल्ली मेट्रो को बिजली का शेष 24 प्रतिशत हिस्सा दिया जा रहा है। इसी तरह आगर-शाजापुर-नीमच में 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क निर्माणाधीन है। ओंकारेश्वर में विश्व का सबसे बड़ा लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट है।