इतना ही नहीं खुद सीएम ने छात्रा के साथ स्कूटी में बैठकर सवारी भी की। बता दें कि इससे पहले शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कुल 7,778 विद्यार्थियों को स्कूटी दी गई थी। इनमें 2,760 ई-स्कूटी और 5,018 पेट्रोल स्कूटी शामिल थीं। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कुल 40.40 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को स्कूटी देना खुशी का विषय है। प्रतिभा अगर है तो प्रतिभा के बलबूते पर हम चाहते क्या हैं? मेरिट के उदाहरण अच्छा और ख़राब दोनों है। मेरिट के मामले में भगवान कि लड़ाई हुई उसका भी मेरिट बहुत अच्छा था। केवल मेरिट से काम नहीं बनेगा नैतिकता भी चाहिए। सिर्फ पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सब कुछ नहीं होता है, गुणी होना भी जीवन में आवश्यक है।
ये भी जानिए
योजना का बजट- 80 करोड़ रुपए से ज्यादा
ई-स्कूटी की कीमत- 1 लाख 20 हजार रुपए
पेट्रोल स्कूटी की कीमत- 90 हजार रुपए बच्चों को मिलेंग लैपटॉप
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि लगभग साढ़े सात हज़ार बच्चों को हमने स्कूटी दी है। वहीं 21 हज़ार बच्चों को लैपटॉप भी दिया जाएगा। बच्चों को आगे बढ़ाना सरकार की प्रथमिकता है। खासकर सरकारी स्कूलों के बच्चे आगे बढ़ें। बता दें कि ‘मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना’ के तहत MP बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 75% या उससे अधिक नंबर हासिल करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए की राशि दी जाती है। 2022-23 में 78,641 विद्यार्थियों को यह फायदा मिला था, लेकिन इस बार यह संख्या 90,000 के पार पहुंच चुकी है।