दरअसल, हजारों छात्र छात्रवृत्ति पाने के पात्र हैं, लेकिन उनकी छात्रवृत्ति की राशि दो-दो, तीन-तीन साल से लंबित हैं। जो छात्र 2022 सत्र में प्रवेश लेकर अब फाइनल ईयर में हैं, उन्हें अब तक मेधावी छात्रवृत्ति नहीं मिली। इस कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और कई छात्रों को कर्ज लेकर अपनी पढ़ाई जारी रखनी पड़ रही है।
क्या बोले छात्र
छात्रों का कहना है कि हमने अच्छे अंक लाकर मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रवेश लिया था, लेकिन अभी तक हमें कोई राशि नहीं मिली। हम कॉलेज की फीस कैसे भरें? छात्रवृत्ति पोर्टल पर कई बार आवेदन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। अब कॉलेज फीस मांग रहा है, तो हम क्या करें?अगर हमें छात्रवृत्ति नहीं मिली तो हमारी पढ़ाई बीच में ही रुक जाएगी। सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए।”
सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
प्रवक्ता विराज यादव ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश के छात्रों से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज वे सभी झूठे साबित हो रहे हैं। छात्रवृत्ति के लिए बजट का आवंटन किया जाता है, लेकिन दो-दो साल से छात्रों को पैसा नहीं मिला, जबकि सरकार का कर्ज लगातार बढ़ रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर वह पैसा जा कहां रहा है?
क्या हैं प्रमुख मांगे
मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना और अन्य छात्रवृत्ति योजनाओं की लंबित राशि तुरंत जारी की जाए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को समान अवधि की छात्रवृत्ति दी जाए। अभी SC छात्रों को 12 महीने और ST छात्रों को सिर्फ 10 महीने की छात्रवृत्ति दी जा रही है, जो असंवैधानिक है। आदिवासी छात्रावासों में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए। पिछले शैक्षणिक सत्र से कोई राशि नहीं भेजी गई, जिससे छात्रों को भोजन और पढ़ाई की सामग्री तक नहीं मिल रही। छात्रवृत्ति बजट का पारदर्शी विवरण सार्वजनिक किया जाए। 2020 से 2024 तक छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवंटित और व्यय की गई राशि का पूरा हिसाब सार्वजनिक किया जाए ताकि छात्रों को असली स्थिति का पता चल सके।
छात्र संगठनों और जनप्रतिनिधियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापनों पर सरकार ने अब तक क्या कार्रवाई की, इसकी जानकारी दी जाए।