इसी कड़ी में शनिवार को पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, अजय सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं भी सक्रियता बढ़ी है।
अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं से आह्वान कर रहे हैं। किसी ने वीडियो संदेश जारी किया तो कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर कार्यकर्ताओं से घेराव में शामिल होने का आग्रह कर रहा है।
कांग्रेस में अरसे बाद शायद ऐसा मौका होगा जब सभी नेता एक मंच पर नजर आएंगे। कार्यकर्ताओं का भी उत्साह बढ़ा है। वहीं बैठकों का दौर भी जारी है। दिग्गज नेता मैदान संभाल चुके हैं। पार्टी का प्रयास है कि सभी नेता एक मंच दिखें और उनमें एकता भी नजर आए।
ये है तैयारी
युवा कांग्रेस की टोली प्रदेश में सक्रिय है। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का भोपाल पहुंचने का कार्यक्रम है। सेवादल ने पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को बुलाया है। बैठक भी होगी। इसके बाद पदाधिकारी, कार्यकर्ता घेराव में शामिल होंगे। सेवादल कार्यकर्ता अपनी ड्रेस में दिखेंगे। महिला कांग्रेस ने घर-घर संपर्क तेज कर ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को भोपाल आने का आह्वान किया है। बैठकों का दौर जारी है। कांग्रेस के अन्य संगठन भी अपनी-अपनी टीम के साथ भोपाल पहुंच रहे हैं।
विधायक दल की बैठक आज
विधानसभा सत्र के एक दिन पहले यानी रविवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। शाम 7 बजे होने वाली बैठक में सत्र की रणनीति को लेकर चर्चा होगी। साथ ही विधानसभा घेराव को लेकर भी चर्चा कर रूपरेखा बनाई जाएगी।
जनविरोधी नीतियों से लोग परेशान: मीनाक्षी
पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करने और सरकार को नींद से जगाने के लिए कांग्रेस 16 दिसंबर को विधानसभा घेराव कर रही है। जिसमें प्रदेश भर से वरिष्ठ नेताओं सहित करीब 50 हजार से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है। मीनाक्षी ने घेराव के पीछे तर्क दिया प्रदेश में लगातार चार बार सत्ता में रहने वाली भाजपा सरकार नशे में इतनी मदमस्त हो गई है कि आज प्रदेश का हर वर्ग परेशान है। चाहे दलित हो, आदिवासी हो, महिलाएं हो, किसान हो या युवा हो सब भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों से परेशान हैं।
जनता पर टैक्स के जरिए इतना आर्थिक बोझ लादा जा रहा है, महंगाई की मार से जूझकर जीवन संकट व संघर्ष से गुजर रहा है। युवाओं को न रोजगार, न ही नौकरी है। आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं। गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों को दो जून की रोटी नसीब नहीं हो रही। बढ़ते अपराधों से अराजकता का माहौल है।