मौसम केंद्र भोपाल के वैज्ञानिकों ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ के साथ दो चक्रवातीय परिसंचरण के कारण यह स्थिति बनी है। प्रदेश में दो ट्रफ भी सक्रिय हैं। 15 अप्रैल तक ऐसा ही मौसम बना रहने का अनुमान है। हालांकि इस दौरान पारा गिरेगा और लू भी नहीं चलेगी।
एमपी में शनिवार को कई जिले पानी से तरबतर हो गए। शुक्रवार को जैसे ही शनिवार को भी बारिश हुई और ओले गिरे। प्रदेश के ग्वालियर, धार और सिंगरौली में तेज बरसात हुई। बड़वानी जिले में ओले गिरे। जिले के सेंधवा में ओले गिरे जोकि चने के आकार के थे। इधर इंदौर में भी हल्की बरसात हुई।
पिछले 24 घंटे में एमपी के 17 जिलों में बारिश दर्ज हुई। इंदौर में सुबह पानी गिरा जबकि धार के बदनावर में 15 मिनट तक तेज बरसात हुई। सिंगरौली के कई इलाकों में बारिश दर्ज की गई।
कई मौसम प्रणालियां सक्रिय
पश्चिमी से पूर्वी राजस्थान से लेकर आंध्र प्रदेश तक एक द्रोणिका बनी है। एक अन्य द्रोणिका प्रदेश के पूर्वोत्तर इलाके से बांग्लादेश तक बनी है। पश्चिमी विक्षोभ के साथ चक्रवातीय परिसंचरण की वजह से मौसम बदल गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा।