इससे पहले ईडी तीन दिन तक तीनों से जेल में पूछताछ कर चुकी है। लोकायुक्त भी सात दिन की रिमांड लेकर पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो अभी वकीलों का जमानत अर्जी लगाने का विचार नहीं है। बता दें कि मामले में 18 तारीख को दो महीने पूरे हो जाएंगे। शरद के वकील रजनीश बरया ने बताया कि लोकायुक्त की ज्यूडिशियल रिमांड 15 दिन बढ़ाई जा सकती है। ईडी पीआर मांगती है तो विरोध किया जाएगा। आरोपियों को 4 बजे तक पेश करने का समय है।
पीआर या ज्यूडिशियल रिमांड आज होगा तय
ईडी की पुलिस रिमांड (पीआर) और लोकायुक्त की (जेआर) ज्यूडिशियल रिमांड खत्म होने के बाद तीनों आरोपियों से आयकर विभाग पूछताछ कर सकता है। बता दें कि आरोपियों के कब्जे से 52 किलो सोना, 11 करोड़ नकदी सहित अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची आयकर विभाग ने नकदी और सोना जब्त कर लिया था। अब इस संबंध में पूछताछ कर सकती है। नहीं उगले राज ईडी कोर्ट से अनुमति लेकर जेल में बंद तीनों आरोपियों से परिवहन विभाग से की गई करोड़ों की काली कमाई के मामले में पूछताछ कर चुकी है। इसके बाद भी एजेंसी आरोपियों से कोई राज नहीं उगलवा सकी।
ईडी ने 10 फरवरी को तीनों की ट्रांजिट रिमांड मांगी थी। तर्क दिया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वह खुद के कार्यालय में ले जाकर पूछताछ करेगी, ताकि तीनों आरोपियों द्वारा की गई करोड़ों की कमाई का खुलासा किया जा सके। 11 फरवरी को ईडी ने तीनों को कोर्ट से 6 दिन की रिमांड पर लिया था।