एमपी में किसान कल्याण एवं म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत किसानों और व्यापारियों को कई सुविधाएं दी जा रहीं हैं। कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि एमपी फार्मगेट ऐप के माध्यम से किसान अपनी फसल अब घर बैठे बेच सकते हैं।
फ्लाइंग स्कॉट ऐप से अवैध व्यापार पर नियंत्रण और गोदामों के निरीक्षण के लिए व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (ई-नाम) कृषि मंडी समितियों से संबंधित उपजों के लिए सूचना और सेवाएं प्रदान करती है।
कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना बताते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के माध्यम से स्पॉट ट्रेडिंग के लिए मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी नियमों में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इससे व्यापारियों एवं किसानों को फसल की अच्छी कीमत प्राप्त करने में सीधा लाभ होगा।
किसानों को फल-सब्जी बेचने के लिए मंडी प्रांगण के बाहर वैकल्पिक सुविधा भी दी जा रही है। प्रदेश की 259 कृषि उपज मंडी समितियां में से 144 में इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे स्थापित किए गए हैं।
एमपी के किसानों के लिए प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी अहम दावा किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा धान उपार्जन के लिए 9682 करोड़ 26 लाख रूपए किसानों के बैंक खातों में अंतरित किए जा चुके हैं। शेष राशि भी शीघ्र ही किसानों के खातों में भेज दी जाएगी।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के अंतर्गत प्रदेश के 6 लाख 69 हजार किसानों से धान खरीदी गई। इन किसानों की कुल 43 लाख 52 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है।