Bijapur News: मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़
यह मेला विशेष रूप से अपनी अद्भुत परंपराओं के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, काकातिया शासक जो देवी काली के आस्तिक थे, ने यहां पहले देवी काली की तस्वीर स्थापित की थी।
भद्रकाली मंदिर जहां स्थित है, पहले यह स्थान जंगलों में स्थित एक गुफा हुआ करता था, और राजा अनम देव यहां ठहरे थे।
मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने योग्य थी, जहाँ लोग न केवल पूजा अर्चना करते हैं, बल्कि अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग लेते हैं। मंदिर में देवी भद्रकाली को शक्ति की देवी माना जाता है, और यहाँ आने वाले भक्त सुख, समृद्धि और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। नवरात्रि और अन्य प्रमुख त्योहारों पर यहाँ भव्य पूजा एवं अनुष्ठान आयोजित होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
तीन सालों में एक बार बनता है अग्निकुंड
Bijapur News: विशेष रूप से सोमवार को आयोजित अग्निकुंड कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने खौलते हुए अंगारों पर नंगे पांव चलकर देवी भद्रकाली की शक्ति का अनुभव किया। यह आयोजन हर तीन साल में एक बार होता है और श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति से इस
पारंपरिक अनुष्ठान में भाग लेते हैं। इस आयोजन ने भद्रकाली मंदिर को न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है, बल्कि यह क्षेत्र के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।