Rajasthan Monsoon Update : रेगिस्तान की धरती पर विज्ञान से पहले यहां की प्रकृति ही मौसम का भविष्य बयां करती है। इस बार पेड़-पौधों और पक्षियों के व्यवहार ने साफ कर दिया है कि सावन इस बार मेहरबान हो सकता है।
एमजीएसयू के पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने बताया कि परंपरागत तरीकों से मौसम के पूर्वानुमान के संकेत अच्छे मानसून की ओर इशारा कर रहे हैं। केर के पेड़ पर इस बार भारी मात्रा में फूल आए और वे सभी केर में बदल गए। यह असाधारण संकेत है। खेजड़ी में भरपूर मिंजर आए, फूल खिले और वे तेजी से सांगरी और फिर खोखे में तब्दील हो गए। यह चक्र पूर्ण रूप से स्वस्थ है, जो अच्छी वर्षा का संकेत है। गोरिया (गौरैया) ने इस बार औसतन 3-4 अंडे दिए और 90 फीसदी तक ब्रीडिंग सक्सेस दर्ज की गई। टिटहरी ने भी लगभग हर स्थान पर चार अंडे दिए, जो एक सकारात्मक संकेत है।
परंपरा-विज्ञान साथ-साथ
प्रो. अनिल कुमार छंगाणी बताते हैं कि विभाग पिछले कई वर्षों से इन परंपरागत संकेतों का वैज्ञानिक तरीके से डेटा संग्रह और विश्लेषण कर रहा है। ये निष्कर्ष पर्यावरणीय संतुलन, जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान की प्रासंगिकता को वैज्ञानिक पटल पर सशक्त रूप से स्थापित करते हैं।
बीकानेर की गर्मी अब सिर्फ दिन की नहीं रही, रातें भी तप रही हैं। गुरुवार को शहर में राज्य का सबसे अधिक न्यूनतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो रात में असहनीय गमी दे गया। अधिकतम तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे हीटवेव का असर और तेज हो गया। अब उम्मीदें मौसम के बदले मिजाज से जुड़ गई हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने शुक्रवार को तेज आंधी और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे तापमान में गिरावट और गर्मी से राहत की उम्मीद की जा रही है।
बीते दो दिनों से बीकानेर हीटवेव की चपेट में है। गुरुवार दोपहर 12 बजे के बाद शहरवासियों को धूप में अंगारों सी जलन महसूस हुई। लोग छांव की तलाश में सड़कों से नदारद होते दिखे। हालांकि बुधवार की तुलना में अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट आई, लेकिन न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो इस सीजन में अब तक की सबसे ऊंची रात की गर्मी रही।