बीकानेर उत्तर भारत का बड़ा दूध उत्पादक है। यहां डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज होने से मिल्क टेस्टिंग लैब की आवश्यकता है। प्राइवेट कंपनियों के प्रोडेक्ट्स भी बीकानेर में बनकर जाते है। मिलावट रोकने के लिहाज से भी ऐसी लैब की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यहां के भुजिया और रसगुल्ला सहित कई खाद्य निर्यात किए जाते है। अभी दिल्ली, गुड़गांव सहित अन्य जगहों पर सैपल भेजकर टेस्ट कराए जाते है।
इस हाईटेक लैब में एचपीएलसी व एनलाइजर जैसी मशीनों से टेस्टिंग होगी। जो किसी भी प्रोडेक्ट में प्रेस्टिसाइड की मात्रा, एफलाटॉक्सिन की उपस्थित तथा यूरिया की भी जानकारी दे सकेंगे। वाटर एक्टिविटी, पीएच की मात्रा, दूध सैपलिंग, एलर्जन सहित अन्य की जानकारी मिल सकेगी।
डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज में फूड और मिल्क टेस्टिंग लैब बनाने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है। उमीद है जल्द इसकी स्वीकृति मिल जाएगी और काम शुरू हो जाएगा। इसके बनने से फूड प्रोडेक्ट्स को निर्यात करने वालों को बड़ा फायदा होगा। अभी कई राज्यों की टेस्टिंग लैब पर निर्भर रहना पड़ता है। बीकानेर में खुलने के बाद सैंपल की टेस्टिंग आसानी से हो जाएगी।
-प्रो.हेमंत दाधीच, प्रति कुलपति, वेटरनरी विश्वविद्यालय