scriptभंडार की जमीन के सिकुड़ने की दास्तान, कहीं सिर्फ पट्टा ही न रह जाए पहचान! | The story of the shrinking of the storage land, may only the lease remain and its identity! | Patrika News
बीकानेर

भंडार की जमीन के सिकुड़ने की दास्तान, कहीं सिर्फ पट्टा ही न रह जाए पहचान!

नगर निगम भंडार की रियासत कालीन भूमि अब सिकुड़ने लग गई है। निगम प्रशासन अब भंडार की भूमि का उपयोग भंडार के लिए करने की बजाय अब अन्य कार्यों के लिए करने में जुट गया है। पहले सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए भंडार की कुछ जमीन छोड़ी गई। फिर दो मोबाइल टावर निजी मोबाइल कंपनियों के भंडार परिसर में लगाए गए। अब पीएचईडी को उच्च जलाशय के निर्माण के लिए 900 वर्ग मीटर की जमीन दे दी गई है। इस जमीन पर पीएचईडी ने अपना निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।

बीकानेरFeb 05, 2025 / 10:54 pm

Vimal

बीकानेर. नगर निगम भंडार की रियासतकालीन और बेशकीमती जमीन पर अब जिला प्रशासन समेत कई विभागों की नजर पड़ चुकी है। कभी सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के नाम पर, तो कभी मोबाइल टावर लगाने और अब जलदाय विभाग के उच्च जलाशय के निर्माण के लिए भंडार की जमीन को इसी प्रकार बांटने की प्रक्रिया चलती रही तो आगामी समय में भंडार का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। अंतत: निगम के पास भंडार की जमीन के बजाय महज रियासतकालीन पट्टा ही रह जाएगा। गौरतलब है कि निगम में साल-दर-साल संसाधन बढ़ते जा रहे हैं। इन संसाधनों को रखने के लिए भंडार परिसर में जगह मिलनी भी मुश्किल हो जाएगी। निगम भंडार की भूमि लगभग 14 हजार वर्ग मीटर बताई जा रही है।
अब दूसरा टावर भी लगा

नगर निगम भंडार में एक के बाद अब दूसरा मोबाइल टावर भी लग चुका है। पहले भंडार अधीक्षक कार्यालय के आगे लगा था। इस बार दूसरा टावर प्रताप बस्ती की तरफ भंडार परिसर के अंदर लग चुका है। टावर लगने के कारण भंडार परिसर का यह क्षेत्र अब भंडार के किसी काम नहीं आ सकेगा।
सड़क चौड़ाई में गई भंडार की जमीन

चौंखूटी आरओबी के नजदीक निगम का भंडार है। आरओबी की दीवार तथा भंडार की दीवार के बीच बहुत कम चौड़ाई होने के कारण भंडार परिसर की जमीन को सड़क की चौड़ाई के लिए दिया गया। पूर्व में सड़क की चौड़ाई में भंडार की पट्टेशुदा जमीन का उपयोग हुआ। इससे सड़क की चौड़ाई बढ़ गई, लेकिन निगम भंडार की कई फीट जमीन हमेशा के लिए निगम के हाथ से निकल गई।
900 वर्ग मीटर पर बनेगा उच्च जलाशय

नगर निगम भंडार की करीब 900 वर्ग मीटर जमीन पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का उच्च जलाशय बनेगा। इसके लिए निगम प्रशासन ने एनओसी जारी कर दी है। विभाग की ओर से यहां उच्च जलाशय निर्माण के लिए कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। निगम आयुक्त के अनुसार, पीएचईडी को उच्च जलाशय निर्माण के लिए 30 गुणा 30 मीटर भूमि की एनओसी जारी की गई है।
एनओसी जारी

निगम भंडार में उच्च जलाशय निर्माण के लिए भूमि आवंटन को लेकर निगम की ओर से पीएचईडी को एन ओसी जारी की जा चुकी है व कार्य प्रारंभ भी हो चुका है। निगम आयुक्त मयंक मनीष की ओर से अधीक्षण अभियंता पीएचईडी को लिखे पत्र में कुछ शर्तों व प्रावधानों के साथ एनओसी जारी की गई है। इनमें आवंटित भूमि पर केवल उच्च जलाशय का ही निर्माण करना, जलाशय निर्माण के दौरान पीएचईडी की ओर से सुरक्षात्मक उपाय अपनाने, आवंटित भूमि का स्वामित्व नगर निगम में निहित रहने, जलाशय की एंट्री और एक्जिट निर्माण करवाने, जलाशय की चार दीवारी का निर्माण करवाने व निगम को पानी की आवश्यकता निशुल्क पूर्ण करने की शर्तें शामिल की गई है।
टॉपिक एक्सपर्ट – निगम भविष्य के लिए बचाए जमीनें

शहर का विस्तार और विकास लगातार हो रहा है। आने वाले समय में नगर निगम के भी जोन बनेंगे। तब निगम को शहर में जमीनों की जरूरत होगी। अगर निगम भंडार सहित अन्य जमीनों को दूसरे विभागों को बांटता रहेगा, तो आने वाले समय में निगम को जमीनें कहां से उपलब्ध होंगी। निगम को अपनी जमीनों को अपने कार्यों और संसाधनों तथा निगम सुविधाओं के लिए सुरक्षित रखनी चाहिए। निगम भंडार की जमीन बेशकीमती है। इसे पानी की टंकी, मोबाइल टावरों आदि में खराब नहीं करनी चाहिए। यहां निगम का फायर स्टेशन बनना चाहिए। शहर में फायर स्टेशन नहीं है। आग लगने पर गाडियां आने में समय लगता है। निगम संसाधन बढ़ेंगे, तो फिर उनको कहां रखेंगे। यहां जोन ऑफिस के लिए जमीन सुरक्षित रखनी चाहिए। मेरे कार्यकाल के दौरान भी निगम भंडार की जमीन पर अन्य निर्माण व कार्य के प्रस्ताव आए, लेकिन उनको सहमति नहीं देकर भंडार की जमीन को भविष्य के लिए संजोए रखा। नगर निगम प्रशासन केवल आज की नहीं, भविष्य की आवश्यकताओं की सोच रखते हुए जमीनों को सुरक्षित रखने के प्रयास करे। जिला प्रशासन और सरकार को भी इसमें दूरदर्शिता रखनी चाहिए।
नया स्थान तलाश रहे

नगर निगम में हर साल संसाधन बढ़ रहे हैं। बढ़ते संसाधनों के अनुसार वर्तमान भंडार की भूमि पर्याप्त नहीं लग रही है। वर्तमान भंडार आबादी और बाजार क्षेत्र में होने से संसाधनों के आने-जाने में भी परेशानी हो रही है। भंडार के लिए उचित और बड़ी भूमि की तलाश कर रहे हैं। पीएचईडी को प्रशासक की अप्रूवल से उच्च जलाशय के लिए कुछ शर्तों के साथ एनओसी जारी की गई है।
मयंक मनीष, आयुक्त नगर निगम, बीकानेर।

फैक्ट फाइल

14000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल है निगम भंडार का

900 वर्ग मीटर में पीचईडी का बनेगा उच्च जलाशय

400 वर्ग फीट लगभग सड़क चौड़ाई में लगी भंडार की जमीन
72 वर्ग फीट जमीन पर निगम भंडार में बने है दो मोबाइल टावर

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