जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी नोखा पहुंचे और धरने पर बैठे मृतक छात्राओं के परिजनों से वार्ता की। परन्तु मांगों पर सहमति नहीं बनने से देर शाम तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। बीकानेर से जिला कलक्टर नम्रता वृिष्ण व एसपी कावेंद्र सागर भी नोखा पहुंच गए। अधिकारियों ने घटनास्थल का मौका-मुआयना किया।
ऐसे हुआ हादसा
तीसरी कक्षा की छात्रा प्रज्ञा (8) पुत्री रेखाराम जाट, दूसरी कक्षा की छात्रा भारती (7) पुत्री ओमाराम जाट और रवीना (7) पुत्री बागाराम स्कूल परिसर में बने जलकुंड पर पहुंची। इस दौरान जलकुंड पर लगी पट्टियां टूट गई और तीनों बच्चियां कुंड में गिर गई। कुंड में पानी भरा हुआ था तथा ऊपर से मलबा भी गिर गया। धमाके की आवाज सुनकर स्कूल स्टाफ के साथ ग्रामीण भी दौड़कर पहुंचे। ट्रैक्टर व मोटर की मदद से कुंड का पानी बाहर निकाला। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद मलबे को हटाकर तीनों बच्चियों को बाहर निकाला जा सका। उन्हें तुरंत नोखा के राजकीय जिला अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार
गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने हादसे के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही न्याय की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित करने, पीडि़त परिवारों को मुआवजा देने सहित पांच सूत्री मांगें रखी है। हादसे के बाद स्कूल की संस्था प्रधान व एक शिक्षक को संस्पेंड कर दिया गया है।
दो महीने पहले कराया था अवगत
स्कूल की संस्था प्रधान ने करीब दो माह पहले सीबीईओ पांचू को पत्र लिखकर क्षतिग्रस्त जलकुंड के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने हादसे की आशंका जताते हुए कुंड की मरम्मत कराने की मांग भी की थी। नोखा अस्पताल में मोर्चरी के सामने विधायक सुशीला डूडी, जिलाप्रमुख मोडाराम मेघवाल, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग, युवा नेता मगनाराम केड़ली, आत्माराम तर्ड सहित कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे और धरने पर बैठ गए। अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।