संस्थान में स्नातक (एम.बी.बी.एस.) पाठ्यक्रम की 150 सीटों एवं स्नातकोत्तर (एम.डी./ एम.एस) पाठ्यक्रम की 68 सीटों पर शैक्षणिक कार्य संपादित किये जा रहें है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली द्वारा इस साल 18 जून को सिम्स के अधिष्ठाता एवं चिकित्सा अधीक्षक की उपस्थिति में व्यवस्थाओं की समीक्षा उपरांत सत्र 2025 में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए मान्यता दी गई है।
जिन प्रमुख बिन्दुओं पर मान्यता निर्भर हुई है, उनमें
सिम्स में 2000 मरीजों की ओ.पी.डी. 85 प्रतिशत भर्ती, आपरेशन की संख्या, शैक्षणिक स्तर, हास्टल सुविधा, जाँच-परीक्षण की सुविधा आदि शामिल हैं।
फैकल्टी और रेसीडेंट्स की कमी बड़ी समस्या
फैकल्टी एवं रेसीडेंट्स की कम संया जरूर चिंता का कारण है। जिसकी पूर्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा नियमित एवं सिस प्रबंधन द्वारा समय-समय पर संविदा आधार पर नियुक्ति की जाती है। शैक्षणिक सत्र 2025 में मान्यता इस अंचल के छात्रों हेतु सौगात है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है।