एसईसीआर
रायपुर के वरिष्ठ मण्डल अभियंता ने प्रशासन को लिखे पत्र में कहा कि निजी एवं सरकारी भूमि अधिग्रहण के लिए इसके एलाइनमेंट में आने वाली भूमि की अनाधिकृत खरीद-बिक्री में स्थानीय और बाहरी लोग संलिप्त होने से परियोजना के क्रियान्वयन में बाधा होने की संभावना है। इसलिए जब तक अंतिम अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण न हो जाए और सरकार द्वारा आवश्यक अधिसूचना जारी न की जाए। उक्त रेलवे लाइन के आसपास क्षेत्र की सभी भूमियों की खरीद-बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।
कलेक्टर से लेनी होगी लिखित अनुमति
प्रशासन ने इस संबन्ध में भूमियों को खसरे और क्षेत्रफल सहित चिन्हित किया है। इन भूमियों की खरीद बिक्री, हस्तांतरण कलेक्टर की लिखित अनुज्ञा के बिना नहीं किया जाएगा। संबंधित प्रभावित व्यक्ति पक्षकार, भूमि अंतरण के संबंध में कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। संबंधित निकाय से अभिमत लेने के बाद प्रस्तुत आवेदन पर उचित निर्णय लिया जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील कर दिया गया है।
बिचौलियों के सक्रिय होने से शासन को हो रहा नुकसान व निर्माण कार्य में भी लेटलतीफी
इस संबंध में रायपुर स्थित राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भी भूमि अर्जन प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के लिए भूमि के अंतरण, बटांकन, व्यपवर्तन तथा भूमि के क्रय-विक्रय को पूर्णत प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि अर्जन के अधीन भूमि का बटांकन, छोटे टुकड़ों में अंतरण एवं उद्देश्य में परिवर्तन के कारण जमीन की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इस प्रक्रिया में मूल भूमिस्वामी को समुचित लाभ होने के बजाए भूमि की खरीद-बिक्री में संलिप्त बिचौलियों और भू-माफियाओं द्वारा लाभ अर्जित किया जाता है। भूमि अर्जन प्रक्रिया के अधीन भूमि के बेहतर प्रशासन के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। साथ ही भूमि के अवैधानिक अंतरण के कारण शासन को अनावश्यक ही आर्थिक क्षति होने के अलावा कानूनी कारणों की बहुलता होती है। इससे सार्वजनिक हितों के परियोजनाओं में अनावश्यक विलब होता है।