IPL 2025: 300 से अधिक गेमिंग साइट पर लगा बैन
पुलिस और साइबर सेल लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रही है, लेकिन कई लोग लालच में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
साइबर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अनजान गेमिंग लिंक और सट्टेबाजी वेबसाइट्स से दूर रहें। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपने बैंकिंग डिटेल्स को गोपनीय रखें। अगर कोई ठगी का शिकार होता है, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर अपराधी
सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए फर्जी लिंक भेजते हैं। इन लिंक्स पर क्लिक करने के बाद यूजर को आईपीएल से जुड़े सट्टेबाजी या गेमिंग प्लेटफॉर्म पर पैसे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। शुरुआत में मामूली रकम जीतने का लालच दिया जाता है, लेकिन बाद में यूजर से और पैसे जमा करवाए जाते हैं। एक बार बड़ी रकम ट्रांसफर होते ही साइट बंद हो जाती है और यूजर का पैसा डूब जाता है।
सरकंडा निवासी…..
सरकंडा निवासी 27 वर्षीय युवक को एक गेमिंग लिंक से
आईपीएल मैचों पर दांव लगाने का ऑफर दिया गया था। 5,000 रुपए जमा करने पर राशि दोगुनी हो गई। जब उसने राशि निकालने की कोशिश की, तो और पैसे मांगे गए। 13 हजार रुपए ट्रांसफर करने के बाद जब अकाउंट लॉगिन नहीं हुआ, तब उसे ठगी का एहसास हुआ।
कश्यप कॉलोनी…..
कश्यप कॉलोनी निवासी 36 वर्षीय युवक को उसके दोस्त ने एक गेमिंग साइट का लिंक भेजा। उसने लिंक पर क्लिक कर अकाउंट बनाया और 2 हजार रुपए दांव पर लगाए। धीरे-धीरे उसे ज्यादा कमाई का लालच दिया गया और 7 हजार रुपए का निवेश करवा लिया गया। जब उसने पैसे निकालने चाहे, तो अकाउंट ब्लॉक हो गया। प्रदेश में धड़ल्ले से ऑनलाइन सट्टा, गृह सचिव को जवाब देने के निर्देश
प्रतिबंध के बावजूद कंपनियां धड़ल्ले से
छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा चला रहीं हैं। जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव से जवाब मांगा है वही कंपनियों को भी नोटिस दिया गया है। याचिकाकर्ता सुनील नामदेव ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से जनहित याचिका लगाई है।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सोमवार को इस मामले को सुना गया। राज्य की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत और उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर, अधिवक्ता तुषार धर दीवान ने पक्ष रखा।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमृतो दास ने कोर्ट ने जानकारी दी कि छग राज्य ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाता है और पैरा 8.6 में बताए अनुसार प्रतिवादी कंपनियां छत्तीसगढ़ राज्य में लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कर रही हैं और उन्होंने कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को तय की गई है।