Bilaspur Namaz Controversy: 155 हिंदू छात्रों को नमाज़ पढ़ने के लिए किया था मजबूर
यह मामला 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 के बीच ग्राम शिवतराई (कोटा) में आयोजित 7 दिवसीय एनएसएस शिविर के दौरान सामने आया। छात्रों ने आरोप लगाया कि 31 मार्च को शिविर में जब ईद का दिन था, तब शिविर में मौजूद 159 छात्रों में से सिर्फ 4 मुस्लिम थे, जबकि बाकी 155 हिंदू छात्रों को
नमाज़ पढ़ने के लिए मजबूर किया गया।
मामले के सामने आने के बाद एबीवीपी और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने विश्वविद्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया, जिसके दबाव में पुलिस ने प्रो. दिलीप झा, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और छात्र आयुष्मान चौधरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया। इन पर बीएनएस की धारा 196(ख), 197(1)(ख)(ग), 299, 302 तथा छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
सबूतों को प्रभावित करने की कोशिश
Bilaspur Namaz Controversy: डीएसपी रश्मित कौर चावला ने बताया कि प्रो. दिलीप झा ने विवेचना में सहयोग नहीं किया। सबूतों को प्रभावित करने की कोशिश भी की। जिस आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर
न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेजी से जारी है, और अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।