ज्ञापन में बताया गया कि डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने अपोलो अस्पताल में कार्यरत रहते हुए आठ से अधिक हृदय रोगियों का ऑपरेशन किया, जिनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल सहित सभी मरीजों की मृत्यु हो गई। बाद में यह सामने आया कि उक्त डॉक्टर की मेडिकल डिग्रियां पूरी तरह फर्जी थीं।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि अपोलो प्रबंधन ने न केवल इस घटना को छिपाया बल्कि उस फर्जी डॉक्टर को भागने में मदद भी की। इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस प्रतिनिधियों ने कहा कि एक प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान होते हुए भी अपोलो ने नैतिक और कानूनी जिमेदारी से मुंह मोड़ा।
प्रमुख मांगे
- फर्जी डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव और अपोलो के जिमेदार अधिकारियों चेयरपर्सन, एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन, रीजनल हेड, यूनिट हेड, अपोलो बिलासपुर के खिलाफ हत्या की धारा 302 के अंतर्गत नामजद एफआईआर दर्ज की जाए।
- आयुष्मान योजना को अपोलो समेत अन्य निजी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए, जिससे गरीब वर्ग को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
- सभी निजी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की शैक्षणिक योग्यता सार्वजनिक की जाए ताकि मरीजों को उनके इलाज करने वाले डॉक्टर की वैधता की जानकारी हो सके।
- विदेशों (यूक्रेन, कजाकिस्तान, रूस आदि) से मेडिकल डिग्री लेकर भारत लौटे युवाओं की डिग्री की जांच अनिवार्य की जाए और एफएमजीई परीक्षा पास किए बिना प्रैक्टिस करने पर रोक लगाई जाए।
आंदोलन की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो 2 मई को कांग्रेस जिला कमेटी द्वारा अपोलो से नेहरू चौक तक ‘स्वास्थ्य न्याय यात्रा’ निकाली जाएगी, तथा नेहरू चौक पर आमसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी सुनिश्चित रहेगी।
ये रहे शामिल
विजय पांडेय (शहर अध्यक्ष), देवेंद्र सिंह (प्रदेश संयुक्त महामंत्री), राजेन्द्र साहू, राकेश शर्मा, ऋषि पांडेय, समीर अहमद, शिबली मेराज, संध्या तिवारी, महेश दुबे, सिद्धांशु मिश्रा, जगदीश कौशिक, शेरू असलम, जावेद मेमन, विनोद साहू, शेख असलम, रामशंकर बघेल, वीरेंद्र सारथी, दिनेश सूर्यवंशी, किशन पटेल, पवन साहू, नीलेश एवं तरुण यादव।