जिले में
अधिकारी-कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई योजना पर काम शुरू किया है। इसमें अफसरों की हाजिरी एक मोबाइल एप के माध्यम से फेस रीडिंग तकनीक से दर्ज की जाएगी। यह एप सुबह कार्यालय पहुंचने से लेकर शाम को निकलने तक की पूरी गतिविधि को रिकॉर्ड करेगा।
इसका मकसद यह है कि अधिकारी सिर्फ दस्तखत या थम्ब स्कैन कर निकल न जाएं, बल्कि तय समय तक अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें। इस योजना के तहत अफसरों को 8 घंटे तक कार्यालय में रहना अनिवार्य किया जाएगा। यदि कोई अधिकारी तय समय से पहले कार्यालय छोड़ता है या लंबे समय तक अनुपस्थित रहता है, तो उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से सरकारी कामकाज की गुणवत्ता में सुधार आएगा और जनता को समय पर सेवाएं मिलेंगी। साथ ही कार्यालयों में अनुशासन भी बना रहेगा।
कई विभागों में समय से पहले छोड़ देते हैं दफ्तर
शासन ने 5 डे वर्किंग का नियम बनाने के साथ सुनिश्चित किया कि 10 बजे दफ्तर पहुंचना और 5 बजे दफ्तर से जाना है। लेकिन वर्तमान में कई दफ्तरों में अफसर सुबह समय पर ही नहीं आते हैं। ऐसे में कार्यालयों में थम्ब मशीन भी लगाई गई, इसके बावजूद कई अफसर उपस्थिति दर्ज कराकर बाहर चले जाते हैं और दिनभर लौटते ही नहीं। इससे कार्यालयीन कार्यों में बाधा आती है और आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अब इस नई तकनीक से उनका बाहर जाना और समय से न लौटना रिकॉर्ड हो जाएगा। एप के जरिए अफसरों के मूवमेंट की भी निगरानी होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वे अपनी ड्यूटी में कितने समय तक मौजूद रहे।
जीपीएस सिस्टम से कनेक्टेड रहेगा एप
इस फेस रीडिंग सिस्टम को एक विशेष मोबाइल एप से जोड़ा जाएगा, जो जीपीएस से कनेक्टेड रहेगा। इससे कर्मचारी की लोकेशन और समय दोनों की पुष्टि हो सकेगी। न सिर्फ उपस्थिति, बल्कि कर्मचारियों की कार्यस्थल पर मौजूदगी की वास्तविकता भी सत्यापित की जा सकेगी। इससे देर से आने, बिना बताए छुट्टी लेने जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी। दफ्तरों पर समय से न आने और पहले ही घर चले जाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की निगरानी और 8 घंटे दफ्तर में उपस्थिति को लेकर फेस रीडिंग सिस्टम लागू करने की तैयारी है। यह एक मोबाइल एप से संचालित रहेगी। जीपीएस से अफसरों के मूवमेंट भी पता चलेगी। – अवनीश शरण, कलेक्टर