इस उद्देश्य से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिले के नामांकित 24 अस्पतालों के प्रतिनिधियों और एनआईसी अधिकारियों की विशेष बैठक आयोजित की गई।
बैठक में बताया गया कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही 112, 108 या निजी माध्यमों से घायल को तुरंत अस्पताल लाया जाएगा। संबंधित थाने की पुलिस आवश्यक वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ‘एक्सीडेंट आईडी’ जनरेट करेगी, जिसे प्लेटफॉर्म से लिंक कर इलाज शुरू किया जाएगा। इस बैठक में इलाज प्रक्रिया की बारीकियों, दस्तावेजी औपचारिकताओं और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई।
ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
एक्सीडेंट आईडी लिंक होने के बाद पीड़ित को अधिकतम 7 दिन तक के लिए
कैशलेस इलाज की पात्रता मिल जाएगी। यदि मरीज की हालत गंभीर होती है, तो उन्हें आयुष्मान भारत योजना, पेड बेसिस या अन्य हायर मेडिकल सेंटर में रेफर किया जाएगा। उपचार के बाद संबंधित अस्पताल राज्य या राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को खर्च का क्लेम भेज सकते हैं। जिसे समीक्षा के बाद भुगतान किया जाएगा।
जनहित में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि आम नागरिकों को इसके लाभ की जानकारी हो और ऽगोल्डन ऑवरऽ में मरीज को सही इलाज मिल सके। – रामगोपाल करियारे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, यातायात।