वहीं, अनिल तिवारी को सहायक संचालक के पद पर स्थानांतरित कर जेडी कार्यालय भेजा गया है। अनिल तिवारी पर कार्यकाल के दौरान गंभीर आरोप लगे थे। उन्होंने तखतपुर ब्लॉक में पदस्थ एक शिक्षक, जिस पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज था, को निलंबन से बहाल कर दिया था।
यही नहीं, मंगला क्षेत्र के एक अन्य शिक्षक, जिस पर भी छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप था, उसे भी सेवा में वापस लिया गया था। इस तरह
युक्तियुक्तकरण के दौरान पदों को छिपाकर कई गड़बड़ी करने का भी आरोप लगा था।
पत्रिका की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
अनिल तिवारी का कार्यकाल विवादों से भरा हुआ रहा। पाक्सो के आरोपी की बहाली का मामला पत्रिका द्वारा जब प्रमुखता से खबर प्रकाशित किए जाने के बाद तूल पकड़ गया। तखतपुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक को गिरतार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद डीईओ अनिल तिवारी को मजबूरन दोबारा शिक्षक को निलंबित करना पड़ा।