पीएम मोदी के नेतृत्व और पहल से आज योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। शनिवार 21 जून 2025 को पूरी दुनिया ऽयोग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थऽ की थीम के साथ 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएगी। योग आज न केवल भारत की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि एक शक्तिशाली स्वास्थ्य साधन के रूप में भी स्थापित हो चुका है। पत्रकार वार्ता में बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, भाजपा जिलाध्यक्ष बिलासपुर शहर दीपक सिंह ठाकुर, भाजपा जिला कोषाध्यक्ष गुलशन ऋषि भी उपस्थित थे।
2.5 करोड़ घरों में नियमित होता है योग
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 2.5 करोड़ घरों में कम-से-कम एक व्यक्ति नियमित रूप से योग करता है, जो प्रधानमंत्री की स्वास्थ्य-केन्द्रित नीतियों की सफलता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुने जाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और भारतीय शास्त्रों में इसे दक्षिणायन की शुरुआत माना गया है।
योग सिर्फ व्यायाम नहीं, मन, आत्मा व चेतना का संतुलन
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने योग को भारत की 15 हजार साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत बताया और कहा कि आदियोगी शिव से लेकर महर्षि पतंजलि तक, योग को बेहतर बताया। योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि मन, आत्मा और चेतना का संतुलन है। सरकार 10 बड़े आयोजन कर रही है। 10 हजार स्थानों पर सामूहिक योग, 10 देशों के साथ साझेदारी, 1000 योग पार्क, वर्चुअल ग्लोबल योग समिट, वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान से जुड़े योग जैसे आयोजन प्रस्तावित हैं।