फिल्म इंडस्ट्री पर भड़के नवाजुद्दीन और प्रकाश राज, बोले- कॉपी करने वाले और चुप रहने वाले…
Nawazuddin Siddiqui And Prakash Raj: नवाजुद्दीन सिद्दीकी और प्रकाश राज ने बॉलीवुड की रचनात्मक गिरावट और कलाकारों की चुप्पी पर बड़ा बयान दिया है। जानिए उन्होंने क्या कहा और क्यों अब आवाज उठाना जरूरी है।
Nawazuddin Siddiqui And Prakash Raj: बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री पर दो स्टार्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने यहां के लोगों में मौलिकता की कमी और बोलने से डरने वालों का टैग दिया है। दरअसल, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और प्रकाश राज ने हाल ही में दो अलग-अलग इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री की असलियत को सामने रखा है। दोनों कलाकारों ने कॉपी कल्चर, क्रिएटिविटी की कमी और कलाकारों की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बॉलीवुड पर लगाया चोरी का आरोप
नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर नवाजुद्दीन ने बॉलीवुड में मौलिकता की कमी पर सीधा प्रहार किया। पूजा तलवार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा-“हमारी इंडस्ट्री में एक ही चीज को पांच साल तक घसीटा जाता है। लोग वही फॉर्मूला बार-बार दोहराते हैं। अब तो दो, तीन, चार पार्ट बनने लगे हैं। ये रचनात्मक कंगाली है।”
उन्होंने बॉलीवुड पर साउथ, हॉलीवुड और कल्ट फिल्मों से खुलेआम चोरी करने का आरोप लगाया। ‘कॉस्तॉव’ एक्टर ने आगे कहा-“जो चोर हैं, वो भला क्रिएटिव कैसे हो सकते हैं? चोरी को इतना सामान्य बना दिया गया है कि लोग कहते हैं- ‘चोरी है तो क्या हुआ?” नवाजुद्दीन का मानना है कि इस सोच ने नई सोच और प्रतिभा को आगे नहीं आने दिया।
वहीं एक मीडिया हाउस से बातचीत में प्रकाश राज ने सिर्फ सरकार की सेंसरशिप ही नहीं, बल्कि कलाकारों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा-“कोई भी ताकतवर सरकार बहस को रोकेगी, लेकिन कलाकारों में भी जज्बा होना चाहिए। उन्हें ऐसी फिल्में बनानी चाहिए और रिलीज के लिए लड़ना भी चाहिए। यही जज्बा चाहिए।”
प्रकाश ने ये भी कहा कि उनके अपने कई साथी या तो बिक चुके हैं या डर चुके हैं। उन्होंने कहा-”मेरे दोस्त ने कहा- ‘प्रकाश, तुम बोल सकते हो, मैं नहीं।’ मैंने कहा- समझता हूं, लेकिन माफ नहीं करूंगा। जब इतिहास लिखा जाएगा वो अपराधियों को माफ कर देगा लेकिन चुप रहने वालों को नहीं।”
नवाजुद्दीन और प्रकाश राज दोनों ही अलग-अलग तरह के कलाकार हैं लेकिन उनका संदेश एक है कि अब कलाकारों को चुप नहीं रहना चाहिए, ऐसा करना अपराध है, इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा। उनका मानना है कि इस माहौल ने ही सिनेमा की खासकर हिंदी सिनेमा की आत्मा को चोट पहुंचाई है।