सुनील दत्त ने पत्नी को याद करते हुए शो कहा था…
अपनी पत्नी को याद करते हुए सुनील एक बार टीवी शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ में होस्ट से बात करते हुए भावुक हो गए और कहा- ‘लोग सोचते हैं कि किसी करीबी के जाने के बाद ज़िंदगी नहीं चलती। लेकिन मुझे नहीं पता कि लोग कैसे जीते हैं। मैं खुद नहीं समझ पाता कि मैं आज भी कैसे ज़िंदा हूं।’ इस शो में सुनील दत्त ने ये भी बताया कि एक अभिनेता के तौर पर जो भी सफलता उन्हें मिली, उसका बड़ा श्रेय नरगिस को जाता है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि ‘लोग कहते हैं कि हर मर्द की कामयाबी के पीछे किसी औरत का हाथ होता है। और कई बार पतन के पीछे भी। लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं था। दरअसल नरगिस न सिर्फ एक शानदार अभिनेत्री थीं, बल्कि बहुत ही अच्छी इंसान भी थीं।
नम्रता ने सुनाई पिता की दिल तोड़ने वाली दास्तां
इसके साथ ही सुनील दत्त और नरगिस की बेटी नम्रता दत्त ने अपनी किताब ‘डार्लिंगजी: द ट्रू लव स्टोरी ऑफ नरगिस एंड सुनील दत्त’में बताया कि उनकी मां की मौत के बाद उनके पिता पूरी तरह से बदल गए थे और नरगिस की मौत के बाद उन्होंने खुद को स्पास्टिक बच्चों के स्कूल में व्यस्त रखा, जिसे नरगिस चलाया करती थीं। उन्होंने कैंसर अस्पताल में ‘चिल्ड्रन ऑफ द सिक’ नाम से एक संस्था भी बनाई, जहां वे हर रविवार कैंसर से जूझ चुके बच्चों के साथ वक्त बिताते थे।
बता दें कि 1957 में सुनील दत्त और नरगिस के बीच प्यार हुआ था, जब फिल्म ‘मदर इंडिया’ के सेट पर आग लगने से सुनील ने नरगिस की जान बचाई थी। अगले साल दोनों ने शादी कर ली। उनके तीन बच्चे हुए –संजय दत्त, प्रिया दत्त और नम्रता दत्त। सुनील दत्त न सिर्फ एक अभिनेता, बल्कि एक राजनेता भी थे। उनका निधन 2005 में हुआ।