Upcoming Movie: रोमियो एस3 में ठाकुर अनूप सिंह दमदार पुलिस अफसर संग्राम सिंह शेखावत की भूमिका निभा रहे हैं, जो गोवा के खतरनाक अंडरवर्ल्ड में एक बड़े ड्रग रैकेट के खिलाफ अकेले मोर्चा संभालते हैं। इस फिल्म में उनका डबल रोल है, जो कहानी को और भी रोचक बना देता है। वहीं, फिल्म में पलक तिवारी एक साहसी और ईमानदार पत्रकार का रोल निभा रही हैं। दोनों कलाकार मिलकर एक्शन, सस्पेंस और भावनाओं से भरी इस कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
मूवी की रिलीज से पहले अनूप सिंह की पत्रिका से खास बातचीत:
किरदार में खास
संग्राम सिंह शेखावत का किरदार मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि यह एक ऐसा रोल है जिसमें बहुत सारी परतें हैं। वह सख्त भी है, इमोशनल भी और जिम्मेदार भी। यह कोई साधारण पुलिस अफसर का किरदार नहीं है, बल्कि उसकी अपनी एक सोच और तरीका है। मुझे यह बात बहुत पसंद आई। साथ ही, यह मेरी पहली हिंदी फिल्म है जिसमें मैं लीड रोल निभा रहा हूं, और वह भी एक बड़े बैनर की लॉन्च फिल्म में। इसलिए जिम्मेदारी और उत्साह दोनों ही बहुत ज़्यादा थे। यही सब बातों ने मुझे इस किरदार की ओर खींचा।
Romeo S3 Movie: ईमानदार पुलिस ऑफिसर
किरदार रहा चुनौतीपूर्ण
यह किरदार निभाना मेरे लिए वाकई चुनौतीपूर्ण रहा। किरदार के लिए खास बॉडी टाइप की जरूरत थी, जिस पर मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी। नियमित वर्कआउट, डाइट और सही टाइमिंग सब कुछ मैनेज करना जरूरी था। इसके अलावा, फिल्म की तैयारी के दौरान मेरी अपेंडिक्स की सर्जरी भी हुई थी, जिससे रिकवरी के बाद दोबारा ट्रेनिंग शुरू करना थोड़ा मुश्किल हो गया था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी, और अपनी पूरी ताकत के साथ वापसी की ताकि किरदार के साथ कोई समझौता न हो।
हिंदी और साउथ में एक्टिंग स्टाइल
हर इंडस्ट्री की अपनी एक भाषा और दर्शकों की अलग उम्मीदें होती हैं। साउथ में जहां थोड़ा तेज और क्लासिक स्टाइल की एक्टिंग होती है, वहीं हिंदी सिनेमा में रियलिज्म और गहराई पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। मैंने अब तक कई अलग-अलग तरह के रोल किए हैं और इस फिल्म का किरदार एक तरह से उन सबका समावेश है। मेरे लिए सबसे जरूरी है कि मैं किरदार के मुताबिक खुद को ढाल सकूं और मुझे लगता है यही बात दर्शकों को पसंद आती है।
डबल रोल की चुनौती
Romeo-S3-Movie: ड्रग पेडलर फिल्म में मैं दो अलग-अलग किरदार निभा रहा हूं, एक ड्रग पेडलर और एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर। दोनों का बॉडी लैंग्वेज, बोलने का तरीका, चलने का अंदाज़ और सोचने का ढंग बिल्कुल अलग है। इसलिए मुझे हर डिटेल पर ध्यान देना पड़ा। मैंने दोनों कैरेक्टर्स के लिए अलग-अलग ट्रेनिंग ली, उनके हावभाव को समझा और कैमरे पर दोनों को अलग तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश की। जब दर्शक फिल्म देखेंगे, तो उन्हें ये अंतर साफ नजर आएगा और यही मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता होगी।
खुद किए स्टंट
फिल्म में जितने भी एक्शन सीन हैं, वो काफी रॉ और रियल हैं, और उनमें इमोशन भी है। एक्शन सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि कहानी का हिस्सा है। टीनू वर्मा जी ने इन सीन को डिजाइन किया है और वो इस फील्ड के दिग्गज हैं। मैंने सारे स्टंट खुद किए हैं, कोई बॉडी डबल नहीं लिया, क्योंकि मुझे लगता है कि किरदार की सच्चाई तभी उभरकर आती है जब एक्टर खुद उन सीन का हिस्सा बने। इसके लिए मैंने स्पेशल ट्रेनिंग ली और हर एक्शन सीन को बिना किसी शॉर्टकट के निभाया।
पलक के साथ ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री
पलक के साथ काम करना काफी सहज और मजेदार रहा। वह बहुत एनर्जेटिक और प्रोफेशनल हैं। अपने किरदार को लेकर वह बहुत गंभीर थीं और हर सीन में उन्होंने ईमानदारी से काम किया। कैमरे के सामने हमारी केमिस्ट्री बहुत नैचुरल बन गई, शायद इसलिए कि ऑफ-स्क्रीन हमारी अच्छी समझ बनी। उन्होंने अपने किरदार के लिए बहुत मेहनत की और मुझे लगता है कि दर्शकों को हमारी जोड़ी ऑन-स्क्रीन पसंद आएगी।
गुड्डू धनोआ के साथ काम का अनुभव
गुड्डू सर जैसे अनुभवी निर्देशक के साथ काम करना मेरे करियर का एक अहम मोड़ है। वह बहुत स्पष्ट सोच रखने वाले निर्देशक हैं और उन्हें हर सीन की बारीकी का बहुत अच्छे से अंदाजा होता है। उन्होंने सेट पर मुझे एकदम सहज महसूस कराया और हर सीन में मेरी परफॉर्मेंस को और बेहतर बनाने के लिए समय लिया। उनके निर्देशन में काम करना एक सीखने जैसा अनुभव रहा और उन्होंने मुझे पूरी तरह से अपने किरदार में ढलने में मदद की।