बॉलीवुड हस्तियों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने जाकिर हुसैन के निधन को संगीत और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
एक अद्भुत संगीत यात्रा और बेमिसाल योगदान
9 मार्च 1951 को जन्मे जाकिर हुसैन, तबला सम्राट उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र थे। उन्होंने छह दशकों के अपने करियर में भारतीय और पश्चिमी संगीत के बीच एक अनूठा पुल बनाया।
उन्होंने पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, शिवकुमार शर्मा जैसे दिग्गजों के साथ काम किया। साथ ही यो-यो मा, जॉर्ज हैरिसन और बेला फ्लेक जैसे पश्चिमी कलाकारों के साथ सहयोग ने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
Ustad Zakir Husain: मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, संगीत जगत में छाई शोक की लहर
सम्मान और पुरस्कारों की बेमिसाल विरासत
अपने करियर के दौरान जाकिर हुसैन ने चार ग्रैमी पुरस्कार जीते। उन्हें 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
जाकिर हुसैन अपने पीछे पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और दो बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी छोड़ गए हैं। उनके परिवार ने कहा, “वह एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसे संगीत प्रेमी आने वाले कई वर्षों तक सहेजेंगे।“
अक्टूबर 2023 में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर अमेरिका में बदलते मौसम की खूबसूरती दिखाई थी। उन्होंने अपने प्रशंसकों को बताया था कि वह इस साल शरद ऋतु का आनंद अमेरिका में ले रहे हैं।