बालोद निवासी योगेश मीणा ने बताया कि चम्बल किनारे वन क्षेत्र में बालोद,डोलर, रोटेदा, खेड़ली बंधा आदि गांवों के आसपास अवैध जंगल कटाई होने से जंगल साफ हो गए हैं। वन्य जीव जंगल छोड़कर खेतों में आने लगे हैं और फसलों को भी नुकसान हो रहा है। शहरवासियों का कहना है कि बड़ी मात्रा में जंगल कटाई होने से क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगड़ने की आशंका है।
अभयारण्य में वन विभाग द्वारा कांटेदार जुली फ्लोरा की सफाई करवाकर प्लांटेशन करवाया जाना है। इसके लिए केशवरायपाटन से रोटेदा तक वन क्षेत्र में करीब चार स्थानों पर कटाई करवाई जा रही है। वहीं इसकी आड़ में अवैध कटाई करने वालो को भी मौका मिल रहा है और किनारे के पेड़ों को छोड़कर घने जंगल में अवैध कटाई की जा रही है।लकड़ी को महंगे दामों पर बेचने से मोटी कमाई की जा रही है। वहीं विभाग को राजस्व आय का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शहरवासियों का कहना है जंगल में अवैध बजरी खनन और अब अवैध लकड़ी कटाई का कारोबार मिलीभगत से फल फूल रहा है। जंगल से पेड़ों की लकड़ी कटाई का काम अच्छे मुनाफे के चलते बढ़ता जा रहा है। अवैध बजरी खनन में मुनाफा कम होने और खर्च अधिक होने से लकड़ी कटाई की ओर कारोबार बढ़ रहा है।
अतुल गुर्जर, फोरेस्टर, केशवरायपाटन