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अभयारण्य में अवैध कटाई से जंगल हो रहे साफ, नजर आने लगे मैदान

चम्बल नदी क्षेत्र के आसपास एक किमी की सीमा में रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य में अवैध रूप से लकड़ी के लिए घने जंगल की कटाई कर व्यापार किया जा रहा है

बूंदीFeb 22, 2025 / 06:30 pm

पंकज जोशी

अभयारण्य में अवैध कटाई से जंगल हो रहे साफ, नजर आने लगे मैदान

कापरेन. खेड़ली बंधा के नजदीक अभयारण्य में काटे गए पेड़ व खाली पड़ा अभयारण्य क्षेत्र।

कापरेन. चम्बल नदी क्षेत्र के आसपास एक किमी की सीमा में रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य में अवैध रूप से लकड़ी के लिए घने जंगल की कटाई कर व्यापार किया जा रहा है, जिससे एक ओर जहां राजस्व आय को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं वन्य जीवों के आवास भी नष्ट हो रहे हैं। अवैध रूप से जंगल से लकड़ी का कारोबार इतना फल फूल रहा है कि अब क्षेत्र में अवैध बजरी का खनन छोड़कर बजरी माफिया भी लकड़ी के कारोबार में लग गए हैं।
वन क्षेत्र में जंगल कटाई का कार्य जारी है और खुले मैदान बन गए हैं, जिससे घने जंगल में रहने वाले वन्य जीव अब खेतों की ओर आने लगे हैं। वन विभाग द्वारा अभयारण्य में निर्धारित स्थान पर प्लांटेशन के नाम पर जुली फ्लोरा की कटाई करवाई जा रही है। जानकारी के अनुसार अभयारण्य में प्रतिदिन करीब 40 से 50 ट्रॉली लकड़ी अवैध रूप से कटाई कर बेची जा रही है।शहरवासियों का कहना है कि निगरानी के लिए वन चौकी बनी होने और शहर में पुलिस थाना होने के बावजूद लकड़ी का अवैध कारोबार फल फूल रहा है, जिससे वन्य जीवों पर संकट आ गया है। शहरवासियों ने प्रशासन से अवैध लकड़ी के कारोबारी पर सख्त पाबंदी लगाने की मांग की है।
पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान
बालोद निवासी योगेश मीणा ने बताया कि चम्बल किनारे वन क्षेत्र में बालोद,डोलर, रोटेदा, खेड़ली बंधा आदि गांवों के आसपास अवैध जंगल कटाई होने से जंगल साफ हो गए हैं। वन्य जीव जंगल छोड़कर खेतों में आने लगे हैं और फसलों को भी नुकसान हो रहा है। शहरवासियों का कहना है कि बड़ी मात्रा में जंगल कटाई होने से क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगड़ने की आशंका है।
फल फूल रहा अवैध कारोबार
अभयारण्य में वन विभाग द्वारा कांटेदार जुली फ्लोरा की सफाई करवाकर प्लांटेशन करवाया जाना है। इसके लिए केशवरायपाटन से रोटेदा तक वन क्षेत्र में करीब चार स्थानों पर कटाई करवाई जा रही है। वहीं इसकी आड़ में अवैध कटाई करने वालो को भी मौका मिल रहा है और किनारे के पेड़ों को छोड़कर घने जंगल में अवैध कटाई की जा रही है।लकड़ी को महंगे दामों पर बेचने से मोटी कमाई की जा रही है। वहीं विभाग को राजस्व आय का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मिलीभगत से चल रहा
शहरवासियों का कहना है जंगल में अवैध बजरी खनन और अब अवैध लकड़ी कटाई का कारोबार मिलीभगत से फल फूल रहा है। जंगल से पेड़ों की लकड़ी कटाई का काम अच्छे मुनाफे के चलते बढ़ता जा रहा है। अवैध बजरी खनन में मुनाफा कम होने और खर्च अधिक होने से लकड़ी कटाई की ओर कारोबार बढ़ रहा है।
अभयारण्य क्षेत्र में केशवरायपाटन से देहिखेडा के बीच पांच जगहों पर प्लांटेशन का काम चल रहा है, जिसमे जुलीफ्लोरा को हटाना है। अवैध रूप से जंगल में लकड़ी, पेड़ काटने पर पाबंदी है और कोई अवैध रूप से पेड़ों की कटाई करता हुआ पाया जाता है तो कार्यवाही की जाती है।
अतुल गुर्जर, फोरेस्टर, केशवरायपाटन

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