जानकारों का कहना है कि नगर परिषद की ओर से समय समय पर अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाए तो नगर परिषद की आय स्वत: बढ़ जाएगी, शहर में पिछले तीन माह में किसी अवैध कॉलोनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुए है। ऐसे में अवैध कॉलोनियों की संख्या हर माह बढ़ रही है। उक्त कॉलोनियों का नियमन किया जाए तो यहां बसे लोगों को भी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा वहीं होने वाली आय से शहर का भी विकास हो सकेगा।
नगर परिषद प्रशासन की अनदेखी के चलते शहर के 3 से किलोमीटर क्षेत्र में कॉलोनाइजर्स द्वारा कृषि भूमियों पर बिना कि भूमि रूपांतरण के अवैध रूप से साठ से अधिक कॉलोनी काटकर नगर परिषद को करोड़ों का चूना लगा दिया और यह कार्य अब भी जारी है। शहर के माटूंदा रोड, गांधीग्राम रोड, आईटीआई के आगे, बहादुर ङ्क्षसह सर्कल, बीबनवा रोड, देवपुरा, छत्रपुरा, नेशनल हाइवे 52 पर टनल के पास रेस्टोरेंट के पीछे, सिलोर रोड़, रिलायंस पेट्रो के सामने, कृषि केंद्र के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने अवैध कॉलोनियां काटी जा चुकी है। यहां आवासीय और व्यावसायिक निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है।
किसी के द्वारा शिकायत मिलने पर टीम द्वारा मौका देखने के बाद कार्रवाई की जाती है। नगर परिषद क्षेत्र में तीन माह पहले कार्रवाई की गई थी। उसके बाद से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। शहरी क्षेत्र में कुछ अवैध कॉलोनियां तो है। लोगों को इनमें भूखण्ड खरीदने से बचना चाहिए।
राजेन्द्र बैरवा, अतिक्रमण शाखा प्रभारी, नगर परिषद बूंदी
कॉलोनियों के नियमन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर नगर परिषद में जमा करवाई जाने वाली राशि स्वत: ही तय हो जाती है। परिषद क्षेत्र में दो बीघा में कॉलोनी काटे जाने पर करीब साढ़े सात लाख रुपए जमा होते है। इससे अधिक भूमि होने पर राशि क्षेत्र के अनुसार बढ़ जाती है।
राजेश चौबदार, भूमि शाखा प्रभारी, नगर परिषद बूंदी