बून्दी व भीलवाड़ा जिले की सीमा पर 20 वां मील से भीमलत लव कुश वाटिका तक 600 बीघा के जंगलों को सिल्वी पाश्चर ग्रासलैंड के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस ग्रासलैंड को शाकाहारी वन्यजीवों के अनुकूल बनाया जा रहा है जहां भविष्य में काले हरिणों को लाने की भी योजना है। वर्तमान में इन जंगलों में पैंथर, ङ्क्षचकारा, भेडि़ए, सियार, लोमड़ी, अजगर, नीलगाय, सेही, गिद्ध व भालुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है। यहां बड़ी संख्या में देशी विदेशी पक्षियों की भी उपस्थित साल भर बनी रहती है।
योजना के तहत चिह्नित जंगलों में करीब 800 हेक्टेयर के पठारी भूभाग में गास के मैदान विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। वन्यजीवों की पेयजल व्यवस्था के लिए जंगल मे सोलर पैनल लगाकर नलकूपों से पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसी तरह विलायती बम्बूलों व लेंटाना को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है।
वन विभाग ने टाइगर रिजर्व के जैवविविधता से समृद्ध भीमलत व बांका भोपतपुरा के बफर क्षेत्र में गिद्ध व भेडिय़ा संरक्षण की योजना के काम हाथ में लिए है। टाइगर रिजर्व की नवगठित भोपतपुरा रेंज में उपरमाल के पठार पर 800 हेक्टेयर के वन क्षेत्र को भेडिय़ों व गिद्धों के संरक्षण क्षेत्र के रूप में चिह्नित कर काम शुरू कर दिए हैं। टाइगर रिजर्व के कोर प्रशासन ने बफर जोन में आने वाले इन महत्वपूर्ण जंगलों को बाघों के साथ साथ अन्य वन्यजीवों के अनुकूल बनाने की पूरी तैयारी कर ली है तथा उम्मीद है कि जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। योजना के तहत टाइगर रिजर्व क्षेत्र की भोपातपुरा रेंज में भीलवाड़ा जिले के बांका, भोपातपुरा, जलिन्द्री, सुंठी, भड़क्या माताजी का नाला, सीताकुंड तथा बून्दी जिले के भीमलत व मुंदेड़ वन खंड को इनके संरक्षण के लिए सबसे अच्छे जंगल माना गया है। यहां पर भीमलत की प्राकृतिक वादियां, बाणगंगा नदी के पास भाला का जंगल, भोपातपुरा के पास भड़क्या माताजी का जंगल व गरड़दा व अभयपुरा बांधो के बीच मुंदेड़ का पठार भेडिय़ों व गिद्धों के संरक्षण स्थल के रूप में विकसित होंगे। इस क्षेत्र में भीमलत टाइगर सफारी शुरू होने से यहां आने वाले पर्यटक बाघों के साथ साथ भेडिय़ों व गिद्धों का भी दीदार कर सकेंगे।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन भीमलत में जंगल सफारी शुरू करने का काम चल रहा है और जल्दी ही इस रूट को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। बेबसाइट पर बुङ्क्षकग करने वाले पर्यटकों को सूरज छतरी व टाइगर हिल वाले जोनों में भेजा जा रहा है।
हरि सिंह हाड़ा, सहायक वन संरक्षक रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व(कोर) बून्दी