जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा से छात्र के द्वारा गुहार लगाने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया था। 75 फीसदी उपस्थिति के नियमों का हवाला देते हुए छात्र को परीक्षा दिलवाने में असमर्थता जता दी थी।
भविष्य बचाने के लिए कोर्ट से लगाई गुहार
वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश पारीक से परामर्श के बाद बुधवार शाम 5 बजे राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा के साथ छात्र कुलदीप सोनी ने विधिक सहायता न्यायालय में वाद के माध्यम से भविष्य बचाने की गुहार लगाई। न्यायालय के तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस भेजकर जवाब मांगने और कार्यवाही के निर्देश के बाद गुरुवार सुबह प्रातः 8:30 बजे परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने छात्र को परीक्षा दिलवाने के आदेश दिए।
माल्यार्पण कर छात्र को भेजा परीक्षा केंद्र
जिला शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा शुरू होने के समय छात्र की न्याय के लिए आवाज उठा रहे चर्मेश शर्मा को दूरभाष पर दी सूचना। जिसके बाद शर्मा के साथ छात्र परीक्षा केंद्र पहुंचा। शर्मा ने माल्यार्पण कर छात्र को परीक्षा केंद्र भेजा।