रामगढ़ विषधारी टागगर रिजर्व के बूंदी-चित्तौड़ मार्ग स्थित दक्षिण-पश्चिमी छोर पर एक घास का मैदान व बहुत बड़ा पठार है, जो मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से जुड़ता है। यह घास का मैदान व झांड़ीदार क्षेत्र स्थानीय रूप से उपरमाल के पठार के नाम से जाना जाता है। यह राजस्थान के बड़े हाड़ौती या दक्षिणपूर्वी पठार का हिस्सा है। भीलवाड़ा व बूंदी जिले का यह क्षेत्र टाइगर रिजर्व के कोर प्रशासन के नियंत्रण में तथा वर्तमान में यहां रास्ते बनाकर सुरक्षा बढ़ाने से वन्यजीवों की गतिविधियां देखी जा सकती है। विभाग जल्दी ही यहां जंगल सफारी भी शुरू करने जा रहा है।
वन क्षेत्र में कलदां, मूंदेड़, भालाकुई व बाणगंगा के जंगलों में मानवीय गतिविधियां बहुत कम है जहां चिंकारा की संया लगातार बढ़ रही है। टाइगर रिजर्व के इस बफर क्षेत्र में बहने वाली बाणगंगा व मांगली बारहमासी नदियां और मंडोल, भीमलत व अभयपुरा बांध चिंकारा हरिणों के लिए अच्छे आश्रय स्थल सिद्ध हो रहे है। इस क्षेत्र में जिले से लुप्तप्राय: भेड़ियों का दिखाई देना अच्छा संकेत इसके अलावा यहां गीदड़, जंगली सूअर, सेही, रोझ अदि भी अच्छी तादात में मौजूद है।