बुरहानपुर में खूंखार हो रहे कुत्तें, 42 दिनों में 450 लोगों को लगी एंटी रैबीज वैक्सीन
बुरहानपुर. शहर में घूम रहे आवारा कुत्ते अब खूंखार हो गए हैं। हर चौराहे, गली, सडक़ों से लेकर स्कूल, कॉलेजों के बाहर कुत्तों का झुंड नजर आ रहा है। 42 दिनों में ही 450 लोगों ने जिला अस्पताल एंटी रेबीज वैक्सीन की डोज लगवाई। हर दिन 12 केस आ रहे हैं, यह आंकड़ा एक माह […]


बुरहानपुर. शहर में घूम रहे आवारा कुत्ते अब खूंखार हो गए हैं। हर चौराहे, गली, सडक़ों से लेकर स्कूल, कॉलेजों के बाहर कुत्तों का झुंड नजर आ रहा है। 42 दिनों में ही 450 लोगों ने जिला अस्पताल एंटी रेबीज वैक्सीन की डोज लगवाई। हर दिन 12 केस आ रहे हैं, यह आंकड़ा एक माह में 300 से 350 तक पहुंच रहा है। कुत्तों की रोकथाम के लिए निगम द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जाने से बड़ा हादसा हो सकता है।
लालबाग के गुलाबगंज में एक 5 साल की बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला बोल दिया था, लेकिन समय पर उसकी मां ने बचा लिया। इस तरह की घटनाएं स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों पर पास प्रतिदिन देखी जा सकती है। इस तरह सरकारी अस्पताल में कुत्तों के शिकार मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सिविल अस्पताल में रोजाना 10-12 कुत्तों के काटने के मरीज एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि यह आंकड़ा शहरी क्षेत्र के लोगें का ज्यादा है।
नसबंदी की योजना कागजों पर
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या रोकने के लिए निगम गंभीर नहीं है। कुत्तों की नसबंदी को लेकर कागजों पर ही प्रयास किए जा रहे है, जबकि शहर से पकडकऱ जंगल में छोडऩे वाली पशु वाहन भी लंबे समय से कार्यालय में ही शोभा बढ़ा रहा है। आवारा कुत्तों की संख्या रोकने को लेकर प्रयास नहीं होने से हर वार्ड में बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे कुत्तों के शिकार हो रहे है।
मौसम बदलने का असर, प्रजनन का समय
डॉक्टर्स के अनुसार कुत्तों के खुंखार होने के पीछे मौसम और क्लाइमेट चेंज बड़ी वजह है। जब भी मौसम में बदलाव होता है जानवर चिड़चिड़े हो जाते हैं। खासकर गर्मी बढऩे से कुत्तों में चिड़चिड़ापन ज्यादा देखने को मिलता है। ज्यादा तेज धूप और गर्मी कुत्ते सहन नहीं कर पाते हैं। इसलिए वह पानी के किनारे या फिर छांव वाली जगह ढूंढते हैं। शहर में आवारा कुत्तों के झुंड लोगों पर किसी भी समय हमला बोल देते हैं। प्रजनन के समय भी कुत्तों के काटने की घटनाएं
Hindi News / Burhanpur / बुरहानपुर में खूंखार हो रहे कुत्तें, 42 दिनों में 450 लोगों को लगी एंटी रैबीज वैक्सीन