आदिवासी समाज का मिशन डी थ्री प्रदेश में होगा लागू, समाजिक बुराइयोंं को खत्म करेंगे पटेल
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राज्यस्तरीय महासम्मेलन
- नेहरू स्टेडियम से निकली सांस्कृतिक रैली में झूमे समाजजन
- एक मंच पर आए बारेला, भील, भिलाला समाज के लोग
बुरहानपुर. सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए निमाड़ सहित प्रदेशभर से आदिवासी समाज के लोग बुरहानपुर में आयोजित राज्यस्तरीय महासम्मेलन में शामिल हुए। बारेला, भील, भिलाला समाज प्रतिनिधियों ने सर्व सहमति से दहेज, दारू, डीजे नियंत्रण (मिशन डी थ्री) को प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया। एक सामाजिक नियमावली बनाई गई, जिसका सभी को पालन करना होगा। सामाजिक बहिष्कार, नाबालिग से विवाह, विधवा शादी के नियम बनाए। इसका पालन कराने की जिम्मेदारी गांव के पटेल की रहेगी।
सर्व आदिवासी समाज कल्याण संगठन द्वारा बुधवार को महासम्मेलन एवं सांस्कृतिक रैली का आयोजन किया गया। नेहरू स्टेडियम पर एकत्रित होने के बाद समाज के लोग ढोल की थाप पर सांस्कृतिक नृत्य करते हुए रैली में शामिल हुए। बड़ी संख्या में युवक-युवतियों ने आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। यह रैली इंदौर इच्छापुर हाइवे, शिकारपुरा थाने से होकर रेणुका अनाज मंडी परिसर में पहुंची। महासम्मेलन में पटेलों द्वारा अपनी नियमावली समाज के सामने रखने के साथ व्याप्त बुराइयों दहेज, शराब और डीजे को खत्म करने का संकल्प लिया। जिसे मिशन डी थ्री का नाम दिया गया।
एक मंच पर आए सभी समाज के प्रतिनिधि
महासम्मेलन में पहली बार आदिवासी समुदाय से भीलाला, बारेला, भील के साथ राठिया, कोरकू और गोंड समाज के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सभी ने अपनी एक नियमावली बनाई, जिसमें शादी, गमी, शुभ कार्य से लेकर समाज में होने वाले विभिन्न कार्यों में हो रही बुराइयों को चिन्हित कर उसे रोकने एवं खत्म करने की बात कही। राजीखुशी से शादी, भगाकर शादी करना, विधवा शादी के साथ सरकारी की अनुमति के विरूद्ध हो रहे कार्य रोकने पर सहमति जाहिर की गई।
यह लिए महत्वपूर्ण निर्णय
समाज के बिलरसिंह जमरा ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से ग्राम पटेल के नियम, कर्तव्य बताए गए। मनमाना देजा लेने (दहेज), झगड़े पर रोक लगाने के लिए एक राशि तय की गई। युवाओं को नशे से बचाने के लिए शुभ कार्य में अंग्रेजी शराब पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगी। समाज के लोग शराब नहीं बचेंगे, नशे के कारण टूट रहे परिवार और अपराध कम होंगे। डीजे के उपयोग को अभी नियंत्रित करने के लिए कहा है, क्योंकि अधिक आवाज से हार्ट अटैक से मौत हो रही है, बुजुर्ग और बच्चे परेशान होते हैं। रात्रि 10 बजे के बाद साउंड का उपयोग नहीं होगा। अगर समाज की बेटी भागकर दूसरे समाज में शादी करती है तो मिलने वाला आरक्षण खत्म होगा। नियमों को नहीं माने पर सामाजिक बहिष्कार का निर्णय भी लिया जाएगा।
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